CM को लेकर राजस्थान कांग्रेस में बगावत: माकन

कांग्रेस में अध्यक्ष और राजस्थान में मुख्यमंत्री का चयन आपस में उलझ गया है। अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के नामांकन के बीच सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाएं बनने लगीं। ऐसे में गहलोत गुट हाईकमान से ही भिड़ गया।
गहलोत गुट ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक ये गुट किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होगा। शर्तें भी रखी हैं। पहली- सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने। दूसरी- सीएम तब घोषित हो, जब अध्यक्ष का चुनाव हो जाए। तीसरी- जो भी नया मुख्यमंत्री हो, वो गहलोत की पसंद का ही हो।
इधर, सोमवार शाम को दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने के बाद अजय माकन ने कहा कि अध्यक्ष ने लिखित रिपोर्ट मांगी है, इसे आज रात या कल शाम तक सौंप दी जाएगी। हमने सारी बातें कांग्रेस अध्यक्ष को बता दी है।
सोमवार शाम को शांति धारीवाल ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और सचिन पायलट पर बड़ा हमला बोला। धारीवाल ने कहा कि डिप्टी सीएम रहते हुए, प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए 34 दिन तक सरकार गिराने की कोशिश करने वाले लोगों को चीफ मिनिस्टर बनाने के लिए सेक्रेटरी जनरल इंचार्ज अजय माकन आ गए। हमें लगातार कई दिनों से सूचनाएं आ रही थी कि वे पायलट के समर्थन में प्रचार करने के लिए कहा करते थे। हमारे पास इसके सबूत है। वे सीएम अशोक गहलोत को हटाने के लिए षड्यंत्र कर रहे थे।
धारीवाल ने कहा कि एक जनरल सेक्रेट्री इंचार्ज ऐसे लोगों को चीफ मिनिस्टर बनाने का मिशन लेकर आया है। इससे विधायक नाराज हो गए। उनका मेरे पास फोन आया कि हमारी बात सुनो। उनकी बात सुनने के लिए उन्हें मेरे घर बुलाया। गद्दारी करने वालों को पुरुस्कार दिया जाए, ये यहां का विधायक कभी स्वीकार नहीं करेगा। मेरी 50 साल की राजनीति हो गई, एक बार भी अनुशासनहीनता नहीं की। सोनिया गांधी का सिपाही हूं।
शर्तों पर पर्यवेक्षकों को ऐतराज, हाईकमान को रिपोर्ट दी
माकन ने कहा, “विधायक दल की बैठक में MLAs का नहीं आना अनुशासन हीनता है। इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली। ये भी अनुशासनहीनता है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है। हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे। गहलोत समर्थक 102 MLAs में से ही सीएम बनाने की बात पर अड़े हैं।
वे अपनी बात को रेजोल्यूशन में शामिल करने की मांग कर रहे थे। जबकि रेजोल्यूशन एक लाइन का होता है। कांग्रेस के इतिहास में सशर्त रेजोल्यूशन आज तक पास नहीं हुआ है। उन्होंने अध्यक्ष के चुनाव तक सीएम पर कोई चर्चा नहीं कराने की मांग रखी, यह संभव नहीं है, क्योंकि यह हितों के टकराव का मामला है।”
सियासी घटनाक्रम पर लेटेस्ट अपडेट…
1. गहलाेत को अध्यक्ष न बनाने की मांग : मीडिया रिपोट्‌र्स के मुताबिक कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने सोनिया गांधी से कहा है कि रविवार के घटनाक्रम के बाद अशोक गहलोत को कांग्रेस का अध्यक्ष न बनाया जाए। गहलोत खेमे के आचरण से नाराज नेताओं से सोनिया गांधी से कहा है कि उनकी उम्मीदवारी पर एक बार फिर विचार करना चाहिए।
2. सियासी उठापटक के बीच पोलो मैच देखने पहुंचे गहलोत समर्थक विधायक: जयपुर के रामबाग पोलो ग्राउंड में कानोता पोलो कप का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा है। इसमें मंत्री अशोक चांदना भी खेल रहे हैं। चांदना को चीयरअप करने के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ बीती रात इस्तीफा देने वाले मंत्री राजेंद्र यादव, लालचंद कटारिया, उदयलाल आंजना, MLA संयम लोढ़ा और सुदर्शन सिंह रावत पहुंचे।
3. माकन-खड़गे ने सोनिया को रिपोर्ट सौंपी : राजस्थान विधायक दल की बैठक के लिए ऑब्जर्वर बनाए गए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली पहुंचते ही सीधे सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ गए और रविवार रात के घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट सौंपी।
4.मदेरणा बोलीं, मैं गहलोत-पायलट गुट में नहीं,कांग्रेस के साथ: कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि मैं गहलोत और पायलट गुट में नहीं हूं। मेरा खुद का गुट है और मैं कांग्रेस आलाकमान के फैसले के साथ हूं। जहां भी विधायक दल की अधिकृत बैठक होगी वहां जाऊंगी,धारीवाल के घर बैठक में नहीं जाऊंगी।
5. कमलनाथ को बुलाया दिल्ली: अशोक गहलोत और पायलट गुट के बीच मध्यस्थता कराने के लिए हाईकमान ने MP के पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है।
6. अशोक गहलोत ऑब्जर्वर से मिलने गए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोपहर डेढ़ बजे के करीब होटल मैरियट गए थे। उन्होंने ऑब्जर्वर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने गहलोत से मुलाकात के बाद कहा- कल जो हुआ उससे हमने कांग्रेस अध्यक्ष को अवगत करा दिया है। जो भी निर्णय लिया जाता है, उसका सभी को पालन करना होता है। पार्टी में अनुशासन होना चाहिए।
7. पायलट के घर पहुंचे समर्थक विधायक : इधर, सचिन पायलट खेमे ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। सचिन पायलट सिविल लाइंस स्थित अपने बंगले पर मौजूद हैं। खिलाड़ी लाल बैरवा, वेद प्रकाश सोलंकी और जीआर खटाणा सहित कुछ समर्थक विधायक पायलट से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे हैं।
8. पर्यवेक्षकों से नहीं मिले विधायक: नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर राजस्थान में अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को हाईकमान ने भेजा। कहा कि विधायकों से बातचीत करो। यह भी निर्देश दिए वे हर विधायक से बातचीत करें, लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने पर्यवेक्षकों से मुलाकात नहीं की। अब माकन और खड़गे दोपहर में दिल्ली लौट गए हैं।
9. सचिन पायलट को फैसले का इंतजार: सचिन पायलट ने नया बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी वे दिल्ली नहीं जा रहे हैं। अभी वे जयपुर में ही हैं। आलाकमान के फैसले के बाद ही, वो अपना फैसला करेंगे।
10. गहलोत गुट ने चला गद्दार कार्ड, CP जोशी पर दी सफाई: यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया, पर बोले, “जिस प्रकार से प्रस्ताव पास करवाया जा रहा था, जो तरीका अपनाया जा रहा, उससे साफ लग रहा था कि उन लोगों को कुर्सी पर बैठाया जाएगा, जिन लोगों ने कांग्रेस के साथ गद्दारी की। सवाल इस बात का है कि आप किसी को बना दीजिए, जो 102 विधायक जयपुर और जैसलमेर के होटल में मौजूद थे। यह गलत बात है कि गहलोत ने सीएम के लिए सीपी जोशी का नाम लिया हो। सीपी जोशी ने पहले दिन ही मना कर दिया था कि मेरा इस पद से कोई लेना-देना नहीं है।’
गहलोत गुट का शक्ति प्रदर्शन, 70 ने इस्तीफा दिया.. दावा- 90 साथ
गहलोत समर्थकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया। 70 विधायकों ने रविवार शाम विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया कि हमारे पास 92 विधायक हैं। हमारी एक ही मांग है कि बगावत करने वाले लोगों में से CM न बनाया जाए।
इसके बाद CM हाउस पर बैठक हुई, इसमें राजस्थान प्रभारी व ऑब्जर्वर अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, गहलोत, पायलट, रघु शर्मा और कुछ वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे। गहलोत गुट का कहना है कि नया CM सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से ही होना चाहिए, यानी सचिन पायलट को CM न बनाया जाए। इसके साथ ही नए CM की घोषणा 19 अक्टूबर को अध्यक्ष के चुनाव के बाद की जाए और गहलोत के पसंद का ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
अध्यक्ष और मुख्यमंत्री चयन के आगे 4 मुश्किलें
1. गहलोत का नॉमिनेशन: गहलोत समर्थक विधायक अब अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन करने के भी पक्ष में नहीं हैं। शांति धारीवाल और स्पीकर सीपी जोशी के घर बैठकों में विधायकों ने गहलोत को राजस्थान का CM बनाए रखने की पैरवी की। विधायकों ने कहा कि चुनावों में धोखा हो सकता है।
2. नए CM का चयन अटका: ताजा घटनाक्रम से CM के चयन का प्रोसेस अटक गया है। बताया जाता है कि कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को CM बनाने का इशारा कर दिया था। गहलोत समर्थकों को दोनों ऑब्जवर्स के आने से पहले ही इसकी भनक लग गई थी, जिसके बाद उन्होंने मोर्चा खोल दिया। गहलोत को विश्वास में लिए बिना आनन-फानन में नए CM के चयन के लिए बैठक बुलाने से समर्थक नाराज हैं।
3. गुढ़ा के साथ अब दो विधायक: बसपा से कांग्रेस में आने वाले विधायकों में से अब मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के पास कोई नहीं रहा है। बसपा से कांग्रेस में आने वाले वाजिब अली, संदीप यादव और लाखन मीणा शाम को गुढ़ा को छोड़ धारीवाल के घर बैठक में पहुंच गए। जी-6 में अब गुढ़ा के साथ कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ीलाल बैरवा ही रह गए हैं।
4. टकराव बढ़ेगा: चुनावी साल से ठीक पहले कांग्रेस में एक बार फिर नेताओं के टकराव के हालात बन रहे हैं। पार्टी के प्रति लोगों के पर्सेप्शन में बदलाव आया है। अब गहलोत और पायलट कैंप की लड़ाई एक बार फिर खुलकर सामने आएगी। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक-मंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक अब आरपार के मूड में हैं।
राजस्थान में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ीं अन्य खबरें यहां पढ़िए…
1.गहलोत-पायलट खेमों की लड़ाई में तीसरे को फायदा होने की संभावना
राजस्थान में सवा दो साल पहले आए सियासी संकट का दूसरा पार्ट वापस देखा जा रहा है। इस बार किरदार बदले हुए हैं। अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की संभावनाओं पर बगावती तेवर दिखाने से संकट के हालात बने हैं। पूरी खबर पढ़ें
2.विधायकों की राय के आगे 2 बार हाईकमान को झुकना पड़ा
पायलट गुट चाहता है कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनें। हाईकमान की भी पसंद वही हैं। दूसरी तरफ गहलोत गुट सचिन पायलट को CM के रूप में नहीं देखना चाहता।तो इसका हल कैसे निकलेगा? पूरी खबर पढ़ें
3. माकन-खड़गे बात करने नहीं, सिर्फ एक लाइन का प्रस्ताव पास कराने आए थे
अशोक गहलोत अगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं तो राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा? इसको लेकर विधायकों की रायशुमारी के लिए आए केंद्रीय ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से मिलने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने रविवार को बगावती तेवर अपना लिए। विधायक दल की बैठक से पहले यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के घर विधायकों की बैठक हुई और यहां से विधायकों ने एक साथ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर जाकर इस्तीफा सौंप दिया। पूरी खबर पढ़ें
4. गहलोत के मंत्री बोले-आलाकमान याद रखे सरकार गिराने की साजिश
राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये तस्वीर भले अभी साफ नहीं हो, लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री ने आलाकमान से साफ कह दिया है कि उसे याद रखना चाहिए कि 2 साल पहले बीजेपी के साथ मिलकर राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने की साजिश की गई थी, तब 102 विधायकों और सहयोगियों ने मिलकर सरकार को बचाया था। यह बयान रविवार को गहलोत सरकार में राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने दिया। गर्ग भरतपुर दौरे पर थे। पूरी खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
5. खाचरियावास बोले- राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो:कहा- मंत्री,विधायक सोनिया-राहुल से मिलकर मन की बात कहेंगे, गहलोत को ही CM रखें
खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- राजस्थान में अब नेतृत्व परिवर्तन का समय नहीं है। चुनावों में गहलोत के किए कामों को लेकर ही जाना है तो उन्हें बदलने का तुक नहीं है। गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ CM रहते हैं तो चुनाव में फायदा होगा। (पूरी खबर पढ़िए)
6. मंत्री गुढ़ा बोले- अब पायलट से बेस्ट कोई फेस नहीं:सचिन के नेतृत्व में सरकार रिपीट करेगी कांग्रेस, नवरात्रि में CM बन जाएंगे
पायलट और गहलोत के समर्थन में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सचिन पायलट को CM बनाने की पैरवी करते हुए उन्हें सबसे बेस्ट फेस बताया है। गुढ़ा ने कहा- अशोक गहलोत का अब कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय हो गया है। गहलोत के बाद अब मेरी जानकारी में कांग्रेस में पायलट से बेस्ट कोई फेस नहीं है। (पूरी खबर पढ़िए)
कमलनाथ को मिल सकती है कांग्रेस की कमान!:राजस्थान के पॉलिटिकल ड्रामे के बीच सोनिया गांधी ने दिल्ली बुलाया; जानिए नाथ की अचानक एंट्री क्यों?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और राजस्थान के CM अशोक गहलोत के नामांकन दाखिल करने के पहले सियासी घमासान मचा है। इस बीच कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने MP के पूर्व CM कमलनाथ को दिल्ली बुला लिया है। सोनिया गांधी का मैसेज मिलते ही कमलनाथ दोपहर में दिल्ली रवाना हो गए हैं। सोमवार सुबह हुए इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की अटकलें तेज हो गई कि क्या नाथ को कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। हालांकि यह बात भी सामने आई है कि कमलनाथ को राजस्थान में डैमेज कंट्रोल के लिए बुलाया गया है। पढ़ें पूरी खबर…
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