बड़े हादसे के इंतेजार में चोरेया का खस्ताहाल सड़क, एक वृद्धा घायल, ऑटो पलटी, बाल-बाल बचे चालक
संवाददाता रमेश कुमार सिंह, चान्हो। शनिवार को चोरेया रोड में एक वृद्धा गिरकर घायल हो गई। उसी के कुछ देर बाद एक ऑटो पलट गई, जिसमें चालक और सवारी बाल-बाल बच गए। सड़क की जो हालत है, उससे कभी भी बड़ा दुर्घटना हो सकती है। तरंगा से चोरेया होते हुए राजकीय पथ बीजूपाड़ा खलारी को जोड़ने वाली सड़क बीते कई सालों से खराब है। शिलान्यास के चार माह बीत जाने के बाद भी चोरेया मोड़ से लेकर तरंगा तक की सात किलोमीटर लंबी सड़क का काम शुरू नहीं होने से ग्रामीणों में काफी रोष है। चोरेया समेत लगभग 50 गांव के लोगों को अभी भी सड़क की परेशानी को झेलना पड़ रहा है।
ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के आश्वासन से तंग आकर खुद मुख्यमंत्री आवास में इस सड़क के निर्माण की मांग को लेकर पहुंचे थे। ग्रामीणों ने इसी सड़क पर धान की रोपनी कर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को आईना भी दिखाने का प्रयास किया था। बड़े ही तामझाम के साथ विधायक और सांसद ने इस सड़क निर्माण की आधारशिला रखी थी। ग्रामीणों को बताया गया था कि शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू होगा। पर शिलान्यास के चार माह बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण कार्य में कोई सुगबुगाहट न देख ग्रामीणों का आक्रोश एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है।
चोरेया रोड शिलान्यास मामला पर दाखिल होगा पीआईएल
मामले को लेकर जनहित में जिप सदस्य आशुतोष तिवारी जल्द ही कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों का अब कोर्ट ही एकमात्र सहारा है। आशुतोष ने बताया कि प्रतिदिन इस सड़क से होकर कई स्कूल बसें और दर्जनों ऑटो भी गुजरते हैं। अब यदि ऐसे में कोई बड़ा हादसा होता है तो कौन होगा इसका जिम्मेवार?
किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है यह सड़क
मांडर विधानसभा और कांके विधानसभा को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों में से एक सड़क यह भी है। इस सड़क का उपयोग चान्हो और मांडर प्रखंड के दर्जनों गांव के लोग प्रतिदिन आने जाने के लिए करते हैं। आम आदमी हो, स्कूली बच्चे, ऑटो या बाइक में सवार लोग, या साइकिल में अपनी सब्जियों को ढोकर बाजार तक ले जाने वाले किसान, सभी इस सड़क की जर्जर स्थिति से तंग आ चुके हैं।
शिलान्यास हो चुका फिर भी करना पड़ रहा इंतेजार
आचार संहिता के चलते बिना किसी प्रक्रिया को पूरा किए ही इस सड़क का शिलान्यास कर दिया गया। यहां तक कि अभी तक इस सड़क का एग्रीमेंट भी नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सहायक अभियंता मनीष कुमार ने बताया था कि तकनीकी कारणों से एग्रीमेंट नहीं हो पाया था। तभी अचानक से आचार संहिता लग गई। जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लेकिन आचार संहिता ख़त्म हुए भी लगभग डेढ़ माह हो गए हैं, फिर भी काम शुरू नहीं हुआ। कुछ ही महीने बाकी हैं जब विधानसभा चुनाव होना है। ऐसा लग रहा है शायद इस वर्ष भी ग्रामीणों के सड़क निर्माण की मांग का सपना न पूरा हो सके।