बिहार की दलित राजनीति में बड़ी तेजी से बहुत कुछ बदल रहा है। कल तक चर्चा थी कि चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के बीच बातचीत कुछ आगे बढ़ी है। फिर एकाएक चिराग पासवान फ्लाइट पकड़कर अहमदाबाद रवाना हो गये। वहां उनकी मुलाकात गुजरात बीजेपी के एक बड़े नेता से हुई। वह नेता पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं। इधर, जीतनराम मांझी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ बेटे संतोष मांझी भी हैं, लेकिन समाचार लिखे जाने तक मोदी और अमित शाह ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया था….
क्या मांझी की अहमियत कम हो गई ?
लोजपा में टूट के बाद पांच सांसद जेडीयू के पाले में हैं, इधर चिराग पासवान को राजद का खुल्ला ऑफर मिल रहा है, लेकिन मांझी को कोई पूछ ही नहीं रहा। रोज बयानबाजी करते हैं जीतनराम मांझी जी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया तक देने को तैयार नहीं । मांझी औऱ उनकी पार्टी के नेताओं ने पिछले एक महीने में बीजेपी को ताबड़तोड़ गाली दी । इस सारे प्रकरण के बाद जीतन राम मांझी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औऱ गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गये । खुद ही नहीं पहुंचे बल्कि अपने मंत्री बेटे संतोष सुमन को भी पटना से दिल्ली बुला लिया । पिछले तीन दिनों से जीतन राम मांझी पीएम औऱ गृह मंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं, कोई नोटिस लेने को तैयार नहीं है ।
चिराग अपने “राम” के साथ रहेंगे या “यदुवंशी कृष्ण” के खेमे में जाएंगे
उधर हर किसी को चिराग पासवान के अगले कदम का इंतजार है। तेजस्वी को अपना छोटा भाई बता चुके चिराग पासवान गुपचुप तरीके से गुजरात हो आए। ऐसी चर्चा है कि वे गुजरात बीजेपी के उस नेता से मिल आए जो उनका संदेश सीधे मोदी तक पहुंचा सकता है। अब वो संदेश क्या था, इसे या तो चिराग जानते हैं या फिर वो गुजराती नेता…बाकी तो बस कयास हैं….लेकिन चर्चा तो यह भी है कि चिराग पासवान और शाहनवाज हुसैन की जोड़ी बिहार में बीजेपी का चेहरा बनने को भी तैयार बैठे हैं….लेकिन ये सब तय होगा कि दिल्ली में डेरा जमाए बैठे नीतीश और मोदी के बीच क्या कुछ समझौता होता है….अगर चिराग को दिल्ली से कोई पॉजीटिव सिग्नल नहीं मिला तो वे महागठबंधन के खेमे में भी जा सकते हैं…
मांझी से बीजेपी खफा
दरअसल पिछले एक-दो महीने में मांझी औऱ उनकी पार्टी के नेताओं ने प्रधनामंत्री से लेकर बीजेपी के खिलाफ जमकर बयानबाजी की है । खुद जीतन राम मांझी ने कोरोना वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने का मीडिया में आकर विरोध किया । मांझी ने कहा कि अगर वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लग रही है तो कोरोना से डेथ सर्टिफिकेट पर भी मोदी की ही तस्वीर लगनी चाहिये । पूर्णिया में दलित बस्ती पर हमले समेत दूसरे कई मामलों पर मांझी और उनकी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ ऐसी बयानबाजी की जैसी आरजेडी-कांग्रेस ने भी नहीं की होगी ।