तरिक्ष में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि ने प्रतिद्वंद्वी चीन को भी प्रभावित कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में स्पेडेक्स मिशन के तहत अंतरिक्ष में अपने दो उपग्रहों की सफल डॉकिंग कर दुनिया को चौंका दिया। इस उपलब्धि के साथ भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत से पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही इस चुनौतीपूर्ण तकनीक में सफलता पाई थी।
इस सफलता पर चीन ने भारत को बधाई दी। चीन में भारतीय दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा, “स्पेडेक्स मिशन के तहत उपग्रहों की सफल डॉकिंग के लिए ISRO को बधाई।” यह पहली बार नहीं है जब चीन ने भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों की प्रशंसा की हो।
2014 में भारत के मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर मिशन) की सफलता पर भी चीन ने भारत की तारीफ की थी। उस समय चीन ने इसे भारत और एशिया के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि और मानव जाति के लिए एक “ऐतिहासिक प्रगति” बताया था। भारत मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश और पहले ही प्रयास में ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना था।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के समय भी चीन ने भारत की प्रशंसा की थी। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने इसे भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बताया।
चीन की अपनी अंतरिक्ष यात्रा भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं रही है। 2020 में चीन ने तियानवेन-1 मिशन के जरिए मंगल की कक्षा में सफलता हासिल की। हालांकि, एक दशक पहले 2011 में रूसी मिशन के साथ उसका मंगल ऑर्बिटर यिंगहुओ-1 असफल हो गया था।