नई दिल्ली/ रांची: इंडिगो एयरलाइन्स ने रांची हवाई अड्डे पर एक दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट बोर्ड करने से रोक दिया. इंडिगो के कहना था कि बच्चा घबराया हुआ था इसीलिए उसे बोर्ड करने से रोका गया. घटना को लेकर इंडिगो मुख्यालय से सीईओ ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में सबसे बेहतर निर्णय लिया गया है. सीईओ ने कहा कि हम दुखद अनुभव के लिए प्रभावित परिवार के प्रति खेद व्यक्त करते हैं.
इस मामले की जांच उड्डयन नियामक डीजीसीए ने जांच शुरू कर दी है और एयरलाइन से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. यह घटना शनिवार की है जब एयरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने से दिव्यांग बच्चे को रोक दिया गया था. इसके बाद उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया था.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडिगो के सीईओ ने कहा कि इंडिगो, विमान में सवार होने से रोके गए बच्चे को सद्भावना के तौर पर इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर देने की पेशकश करना चाहेगा. इधर, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार ने एक जाने माने न्यूज एजेंसी को बताया है कि नियामक ने इस मामले में इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा.
इंडिगो ने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी. इंडिगो ने कहा, ‘हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है. इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए और 75,000 से अधिक दिव्यांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं.’