दंतेवाड़ा: मंगलवार सुबह 8 बजे से दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन नक्सली मारे गए। इनमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) का सदस्य सुधीर उर्फ सुधाकर उर्फ मुरली भी शामिल था, जिस पर ₹25 लाख का इनाम था।
भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद तीनों नक्सलियों के शव बरामद किए, साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।
डीआरजी और बस्तर फाइटर्स को मिली बड़ी सफलता
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने कहा, “सुरक्षा बल मंगलवार सुबह दंतेवाड़ा-बिजापुर सीमा पर सर्च ऑपरेशन कर रहे थे, तभी नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया, जबकि अन्य घने जंगलों में भाग गए। जवानों ने तीन शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।”
मुख्यमंत्री व गृहमंत्री ने जताई खुशी
मुठभेड़ में मिली सफलता पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद अब तक 400 से ज्यादा नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है। लगातार हो रहे अभियानों से नक्सलवाद समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। यह हमारे जवानों की वीरता और साहस का परिणाम है।”
केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए सुरक्षा बलों को और सशक्त किया जाएगा।
नक्सलियों की मौजूदगी की मिली थी गुप्त सूचना
पुलिस के अनुसार, 24 मार्च को उन्हें सूचना मिली थी कि 10-12 नक्सली थाना गीदम क्षेत्र के गिरसपारा, नेलगुड़ा, बोडगा और ईकेली गांवों में मौजूद हैं। इसके बाद एएसपी और डीएसपी के नेतृत्व में डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवानों को अभियान में लगाया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी विधानसभा के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि नक्सल प्रभावित लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास अपने चरम पर है और जल्द ही छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्त होगा।