सिमरिया: जोरी और हंटरगंज में हर साल सैकंडो एकड़ फसल नीलगाय चट कर जाते हैं।दरअसल वनों की कटाई इन क्षेत्रों में इतने व्यापक पैमाने पर हो रही है कि नीलगाय अपनी क्षुधा मिटाने खेतों की ओर चले आते हैं। इन दिनों भी भूख से बिलबिलाए नीलगाय भूख मिटाने के लिए देहातों में खेती की ओर रुख किए हुए हैं । नीलगायों का झुंड रात में खेतों पर धावा बोल सलक का सलक चना मसूर मटर अरहर आदि दलहन , सरसों राई सुरगुजा आदि तिलहन और आलू प्याज आदि सब्जी की फसल को चट कर जा रहा है ।बचा खुचा रौंदकर तहस-नहस भी कर दे रहा है ।
प्रखंड के सौ से भी अधिक गांव नीलगायों की झुंड के चपेट से प्रभावित बना हुआ है । यह सिलसिला वर्षों से कायम है । किसान दिन रात अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं ,फिर भी नीलगायों के आतंक पर काबू नहीं पा सक रहे हैं । अब तो नील गायों का झुंड फसल तराई में बाधा व व्यवधान डालने पर पहरेदारी करते किसानों पर धावा भी बोल दे रहे हैं । इससे विगत दो-तीन वर्ष पूर्व फसल की रखवाली करते एक युवा किसान की मौत हो गई थी । कई किसान नीलगायों के हमले में घायल भी हो चुके हैं । भूख मिटाने की आतुरता में नीलगायों का झुंड सड़क पर भी सरपट दौड़ लगाने लगा हैं । इस दौरान कई नीलगाय और वाहन चालक घायल हो चुके हैं । एक मोटरसाइकिल चालक की मौत भी हो चुकी है ।
प्रतिवर्ष नीलगायों का झुंड गांवो का दलहन तिलहन और सब्जी फसल चट कर जा रहा है और रौंदकर बर्बाद कर दे रहा है । इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है । इससे बचाव के लिए किसानों द्वारा किया जा रहा हर प्रयास विकल हो रहा है।इधर वन अधिकारी इस मामले में पूरी तरह बेफिक्र बने हुए हैं ।