
चतरा जिले से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिले के उग्रवाद प्रभावित प्रतापपुर प्रखंड के सिद्दकी पंचायत में अंधविश्वास का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां गर्भवती महिला की मौत के बाद चर्च से जुड़ी महिलाएं उसे जिंदा करने के लिए कई घंटे तक झाड़-फूंक करती रहीं।
क्या है पूरा मामला ?
पूरा मामला हरहद सिजुआ गांव का है, यहां एक गर्भवती महिला के पेट में दर्द की शिकायत के बाद परिजन उसे इलाज के लिए रानीगंज ले गए। यहां से चिकित्सकों ने खून की कमी बताकर उसे गया के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन उसे लेकर बिहार के गया जा रहे थे, इसी दौरान बीच रास्ते में ही गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। महिला की मौत के बाद परिजन शव को लेकर लौटे ही थे कि चर्च से जुड़ी 7-8 महिलाएं आई और परिजनों को मृत महिला को झाड़-फूंक कर पुनः जीवित करने का हवाला देने लगी।
घंटो चलता रहा अंधविश्वास का खेल
अपने बहू की मौत से आहत परिजन काफी आनाकानी के बाद झाड़-फूंक कराने के लिए तैयार हो गए। फिर क्या था, परिजनों की हामी के बाद चर्च वाली दीदियों हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। मृत महिला के शव को घर के एक कमरे में बंद कर झाड़-फूंक कर जिन्दा करने का खेल घंटों चलता रहा।
‘कभी सांसें चल रहीं तो कभी मृत महिला ने पिया पानी’
इस बीच परिजनों और ग्रामीणों के पूछे जाने पर चर्च से जुड़ी दीदी झूठा आश्वसान देती रहीं, कभी कहतीं कि सांसें चलने लगी हैं तो कभी मृत महिला के पानी पीने की बात कहती रहीं। ये सब चलते हुए सुबह से शाम हो गई लेकिन ना तो मृत शरीर में जान लौटी और ना ही चर्च वाली दीदियों पर विश्वास जताने वाले ग्रामीणों की अंधी आस्था कोई रंग लाई।
डॉक्टर के पहुंचने के बाद छिपकर भागीं चर्च की दीदियां
इस बीच ग्रामीणों ने कुछ देर बाद एक डॉक्टर को बुलाया और उस मृत महिला के शव की जांच करवाई। इसके बाद डॉक्टर ने बताया कि महिला की मृत्यु 4 घंटे पहले ही हो चुकी है। जिसके बाद झाड़-फूंक कर ग्रामीणों के बीच अंधविश्वास फैलाने वाली चर्च की दीदियां किसी तरह छुपकर भाग निकलीं।

