Thursday 23rd of October 2025 04:12:29 PM
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कुपोषण से लड़ने के लिए झारखण्ड के हिस्से का 312 करोड़ रुपये जारी करे केन्द्र

कुपोषण से जंग लड़ रहे ST/SC बाहुल्य राज्य को
कुपोषण से जंग लड़ रहे ST/SC बाहुल्य राज्य को मिलेगी मदद- सीएम

रांचीः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 6 सितंबर को पत्र लिख 15वें वित्त आयोग द्वारा कुपोषण के खिलाफ लड़ाई हेतु 2020-21 के लिए आवंटित 312 करोड़ रुपये विमुक्त करने का आग्रह किया है।

15वें वित्त आयोग ने की है अनुशंसा

मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा है कि कुपोषण की गंभीर समस्या को देखते हुए पूरक पोषाहार कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के लिए सामान्य आवंटन के अतिरिक्त 7,735 करोड़ रुपए अतिरिक्त आवंटन देने की अनुशंसा की गई है। आयोग ने इस कार्य के लिए झारखण्ड को अतिरिक्त 312 करोड़ रूपये आवंटित करने की अनुशंसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में बहुतायत में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के सदस्य निवास करते हैं एवं इस कुपोषण का सीधा संबंध इस समुदाय में देखा गया है।

उन्होंने लिखा है कि इस स्थिति में वह झारखण्ड राज्य के समस्त नागारिकों की ओर से आग्रह करते हैं कि झारखण्ड राज्य के लिए वर्ष 2020-21 के लिए अनुशंसित 312 करोड़ रूपये एवं अग्रेत्तर वर्षों के लिए राशि विमुक्त करने हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार को निर्देशित करने की कृपा करें।

झारखण्ड में कुपोषण की स्थिति भयावह

मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिए बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -4 में झारखण्ड के लिए कुपोषण की जो तस्वीर सामने आई है, उसके तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों में प्रत्येक दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। 45 प्रतिशत बच्चे मानक से कम वजन के हैं। 23 प्रतिशत बच्चे दुबले-पतले होते हैं। 11.3 प्रतिशत बच्चे अत्यंत कुपोषित होते हैं। 40.3 प्रतिशत बच्चे अल्प विकसित हैं।

सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी दी जानकारी

इस समस्या को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए अपनी प्राथमिकता में रखा है और भारत सरकार के कार्यक्रमों के अलावा अपने सीमित संसाधनों से कुपोषण की समस्या से लड़ने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार इसके लिए अपने संसाधनों से 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को आँगनबाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अतिरिक्त बच्चों को अंडा एवं अन्य बच्चों को समकक्ष प्रोटीनयुक्त भोजन देने पर विचार कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार अगर अनुशंसित 312 करोड़ रूपये की राशि विमुक्त करती है, तो कुपोषण के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में राज्य सरकार को काफी सहयोग मिलेगा।

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