बिहार के करीब-करीब सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल जातिगत जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मिल चुका है। उसकी अगुवाई नीतीश कुमार ने की थी। उसी तरह अब झारखण्ड का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी जातिगत जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेगा। सीएम हेमंत सोरेन ने खुद इसकी जानकारी विधानसभा के अंदर दी। सीएम ने कहा कि जातिगत जनगणना और पिछड़ों के आरक्षण पर हमारी सरकार ने सकारात्मक कदम बढ़ाया है । बाद में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस प्रतिनिधि मंडल में 9 सदस्य शामिल होंगे ।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में क्या कहा ?
झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू के सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि
पूरे देश में आरक्षण की मांग बढ़ती जा रही है। हर राज्य में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक झारखंड से जातिगत आधार पर जनगणना का कोई प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा जा सका है। इस मसले पर PM को मेल कर सर्वदलीय टीम के साथ 12-20 सितंबर के बीच मीटिंग का समय मांगा है, ताकि सब अपनी बात रख सकें।
पीएम से बाद में मिलिएगा, पहले राज्य की पार्टियों से तो चर्चा कर लें ?- सुदेश महतो
मुख्यमंत्री के जवाब पर आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि केंद्र सरकार से तो बाद में सर्वदलीय बैठक करेंगे। पहले राज्य में सर्वदलीय बैठक कर लें। अभी भी भ्रम की स्थिति है कि स्थानीय कौन है? 1932 के खतियान को ही अंतिम आधार मानते हैं कि नहीं? बस स्पष्ट करें। पहली कैनिनेट में ही ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई थी, जिसे अब भूल गए हैं।