
अगर कैप्टन कृषि कानून के लिए गृहमंत्री से मिले थे तो कल रात उनसे मिलने के बाद कैप्टन आज सुबह सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से मिलने उनके घर क्यों पहुंच गए.?
कैप्टन ना तो किसी संवैधानिक पद पर हैं। अजित डोवल का किसी प्रकार का कोई लेनादेना कृषि कानूनों से भी नहीं है। गम्भीर घटनाक्रम यह भी है कि कैप्टन के साथ हुई मुलाकात के तत्काल बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल सीधे गृहमंत्री से मिलने पहुंचे और लंबी मुलाकात की।
कल रात गृहमंत्री से कैप्टन की मुलाकात के बाद आज सवेरे अजित डोवल से हुई उनकी मुलाकात के बाद जो हुआ वह बहुत गंभीर और महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। लेकिन उस पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। सड़कों पर कटी पतंग लूटने की कोशिश करने वाले आवारा लौंडों की तरह दिल्ली से चंडीगढ़ तक खबरें लूटने की कोशिश कर रहे लकड़बग्घों ने तो बिल्कुल ध्यान ही नहीं दिया।

घटनाक्रम यह है कि कल रात और आज सवेरे तक बांस की तरह ऐंठा अकड़ा हुआ नवजोत सिद्धू आज सवेरे अजित डोवल के साथ हुई कैप्टन की लंबी मुलाकात के बाद रबड़ की तरह लचीला हो गया। उसे मनाने की कोशिश कोई कांग्रेसी नहीं कर रहा था। लेकिन डोवल-कैप्टन मुलाकात के बाद सिद्धू बिना बुलाए, बिना मनाए ही चन्नी से मिलने सिर पर पैर रख कर चंडीगढ़ भागा।
दअरसल पिछले साढ़े 4 साल तक मुख्यमंत्री रहे कैप्टन के सीने में कई राज दबे हुए हैं। यही कारण है कि कैप्टन खुलकर सिद्धू को पाकिस्तान, इमरान और बाजवा का एजेंट कहते रहे, उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते रहे, आज भी यह कहने से कैप्टन हिचक नहीं रहे हैं। लेकिन उनपर मानहानि का मुकदमा करना तो दूर, सिद्धू उनके खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोला है।
दरअसल वह भी जानता है कि कैप्टन को बहुत कुछ पता है। अभी तक स्थितियों पर कैप्टन का नियंत्रण था। कुछ हाईकमान का दबाव भी था। लेकिन कैप्टन ने सम्भवतः अब मुंह खोल दिया है। अतः गृहमंत्री व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से कैप्टन की लंबी मुलाकात के बाद सिद्धू की रीढ़ की हड्डी में ठंडी लहर दौड़ गयी होगी।

राजनेता ऐसे राजों को अपनी आस्तीन में छुपे तुरुप के पत्तों की तरह प्रयोग करते हैं। मसखरे सिद्धू को मंझे हुए राजनीतिज्ञ कैप्टन ने आज यह पाठ बहुत कठोरता से पढ़ाया है। गृहमंत्री व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ कल और आज हुई कैप्टन की लंबी मुलाकातों की आंच अगले कुछ दिनों में पंजाब में NIA और रॉ की कुछ सनसनीखेज कार्रवाइयों के रूप में महसूस की जा सकती है। कैप्टन ने आज खुलकर संदेश दे दिया है कि सिद्धू तेरी खैर नहीं।
ये अलग बात है कि कैप्टन द्वारा दिल्ली में की गई मुलाकातों का निष्कर्ष लकड़बग्घे दिल्ली से चंडीगढ़ तक यह निकाल रहे हैं कि कैप्टन को चेहरा बना कर मोदी सरकार कृषि कानूनों को हटा लेगी या बड़ा बदलाव कर देगी। इससे फूहड़ और मूर्खतापूर्ण निष्कर्ष कुछ और हो नहीं सकता। लेकिन लकड़बग्घे ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं।