भारतीय जनता पार्टी ने झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में हिंदी, मगही, भोजपुरी और अंगिका को शामिल करने की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने विधानसभा के गेट पर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही भाजपा विधायक हेमंत सरकार से हर साल पांच लाख नौकरियों के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे थे।
उर्दू शामिल हो सकता है तो हिंदी और संस्कृत क्यों नहीं – विरंची नारायण
भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने इस दौरान कहा कि सरकार ने झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है। राज्य सरकार ने स्थानीय भाषाओं की जगह उर्दू को भी शामिल किया है. लेकिन इस राज्य के बड़े भू-भाग में बोले जाने वाली अंगिका, भोजपुरी, मगही और संस्कृत को इस सूची से बाहर रखा गया है । विरंची नारायण ने कहा कि राज्य में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली हिंदी को भी राज्य सरकार ने भाषाओं की सूची से बाहर रखा है। ऐसे में राज्य के हजारों छात्र परेशानी में पड़ जाएंगे। भाजपा चाहती है कि राज्य सरकार इन भाषाओं को भी सूची में शामिल करे। अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो इसका जोरदार विरोध होगा ।
हर साल पांच लाख रोजगार देने वाले दो साल में 50 रोजगार भी नहीं दे सके- रणधीर सिंह
देवघर जिले के सारठ से भाजपा के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि रोजगार आज युवाओं के समक्ष सबसे बड़ा मुद्दा है। हेमंत सोरेन की सरकार रोजगार तो दे नहीं रही है , ऊपर से उलूल-जुलूल नियमावली लगाकर बेरोजगार युवाओं को परेशान कर रही है. उन्होने कहा कि हर साल पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा हेमंत सोरेन ने किया था, लेकिन लगभग दो साल बीतने को है, इनलोगों ने कितने युवाओं को रोजगार दिया है, आपलोग खुद ही पता कर लें।
तीसरे और चतुर्थ वर्ग की नौकरी में स्थानीय युवाओं को मिले जगह
भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जब रघुवर दास की सरकार थी तब हमने तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 100 फीसदी आरक्षण दिया था. हमने यह व्यवस्था की थी कि जो नौजवान जिस जिले का है, उसे वहीं पर नौकरी मिल सके। लेकिन हेमंत सरकार ने आते ही उसे खत्म कर दिया। दरअसल हेमंत सोरेन की सरकार को रोजगार देना ही नहीं है, वे तो जानबूझकर ऐसी नियमावली लाते हैं ताकि युवा निराश होकर कोर्ट की शरण में चले जाएं और सरकार को रोजगार न देना पड़े। ये लोग झारखण्ड को बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए ही सत्ता में आए हैं ।