
पणजी । गोवा में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार स्थाई सरकार देने को तैयार है। 40 सदस्यों वाली विधानसभा में उसे 20 सीटें हासिल हुई हैं और उसने एमजीपी के दोनों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जीत गए हैं, लेकिन उनके दोनों डिप्टी सीएम हार गए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस अपने एक सहयोगी दल के साथ 12 सीटों पर सिमट कर रह गई है।
साल 2012 में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भाजपा को 21 सीटें मिली थीं। पर्रिकर की ही तैयार की गई बुनियाद पर गोवा भाजपा एक बार फिर उसी संख्या के करीब अपने दम पर पहुंचने में सफल रही है। लेकिन इस बार उसके मत प्रतिशत में कुछ बढ़ोतरी भी हुई है। अब तक भाजपा जहां अधिकतम 33 फीसद मतों के साथ सत्ता में आती रही है, इस बार उसका मत प्रतिशत 34 फीसद से ऊपर जाता दिखाई दे रहा है। हालांकि, मनोहर पर्रीकर के बेटे उत्पल पर्रीकर पणजी सीट से मात्र 674 मतों से हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस से भाजपा में आए अतानसियो मोनसेराटे ने हराया है।
मोनसेराटे ने कहा है कि यह उनकी अपनी जीत है, भाजपा की नहीं, क्योंकि पार्टी कैडर ने उत्पल को जीताने की कोशिश की थी। पणजी से ही चुनाव लड़ने की जिद के कारण भाजपा ने उत्पल को टिकट नहीं दिया था। वह निर्दलीय लड़े थे।मुश्किल से जीते मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत कड़ी चुनौती का सामना करते हुए मात्र 666 मतों से अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं, लेकिन उनके दोनों उप मुख्यमंत्री मनोहर अजगांवकर और चंद्रकांत कवलेकर चुनाव हार गए हैं। दोनों को कांग्रेस प्रत्याशियों से हार मिली है। जगांवकर को दिगंबर कामत और कवलेकर को अल्टन डीकोस्टा ने पराजित किया है।