रांची: झारखंड में दो सीट पर होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों के नाम पर संशय बरकरार है. नई दिल्ली में सीएम हेमंत सोरेन और सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद कयास का सिलसिला जारी है. बीजेपी में अभी प्रत्याशी को लेकर राय मशवरा जारी है. इसका कारण है झारखंड लोकतान्त्रिक मोर्चा का समर्थन तलाशना. मौजूदा समय में सत्तारूढ़ जेएमएम के पास विधायकों के पास सिर्फ विधायकों की पर्याप्त संख्या है.
ऐसे में जेएमएम प्रत्याशी का जीतना तय है. वहीं, बीजेपी को अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए दो विधायकों की जरूरत है. मुख्य विपक्षी भाजपा के कुल 26 विधायक हैं. इस संख्या में बाबूलाल मरांडी भी शामिल है. बीजेपी के सिंदरी विधायक इन दिनों हैदराबाद में इलाजरत है. संभावना है कि स्वास्थ्य कारणो से वे चुनाव में वोट देने ना आ पाये. ऐसे में बीजेपी को अपने जीत के आंकड़े के लिए 2 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. तब झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा अहम हो जाएगी. लोकतान्त्रिक मोर्चा पर बीजेपी की निर्भरता लाजमी है.
झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा की भूमिका इस राज्यसभा चुनाव में अहम इसलिए भी है कि अगर वे बीजेपी का साथ नहीं देते हैं, तो दूसरी वरीयता वोट की स्थिति बन जाएगी. इस स्थिति में जेएमएम और कांग्रेस मिलकर आसानी से दूसरी सीट पर जीत दर्ज कर सकते है. यहीं कारण है कि दिल्ली में जेएमएम-कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में बातचीत का दौर जारी है.