बुधवार को आजसू और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए पुलिसिया लाठीचार्ज के खिलाफ तमाम विपक्षी दलों ने गुरुवार को काला दिवस मनाया। विरोध स्वरूप भाजपा के सभी विधायक काले गमछे लगाकर विधानसबा पहुंचे. कुछ ने अपने सिर पर पगड़ी की तरह काले गमछों को बांद रखा था तो कुछ गले में लटकाकर ही सदन की कार्यवाही में भाग ले रहे थे।
पुलिस के डंडों के जोर पर सरकार चलाना चाहते हैं हेमंत सोरेन- अमर बाउरी
काला दिवस मनाने के सवाल पर पूछे जाने पर चंदनकियारी से भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता हिंसा तो कर नहीं रहे थे. वे चुपचाप विधानसभा की ओर मार्च कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में विधानसभाध्यक्ष को मांगपत्र सौंपा जाना था। लेकिन ये लोग सत्ता के अहंकार में इतने चूर हो चुके हैं कि इन्हे विपक्ष का विरोध-प्रदर्शन भी बर्दाश्त नहीं । अमर बाउरी ने बताया कि पहले तो बिना किसी से पूछे एक धर्म विशेष की पूजा-अर्चना के लिए विधानसभा में कमरा अलॉट कर दिया और अब अपने उसी गलत निर्णय के जिद में विपक्ष पर लाठियां बरसा रहे हैं।
लाठीचार्ज की कोई जरुरत ही नहीं थी, ये सत्ता की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए किया गया- सुदेश महतो
सिल्ली से आजसू के विधायक सुदेश महतो ने कहा कि पिछले कई दिनों से ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर सीएम को स्मार पत्र सौंपने का सिलसिला चल रहा था। राज्य भर से कार्यकर्ता लोगों के हस्ताक्षर लेकर आए थे और उन्हें मुख्यमंत्रीजी को सौंपा जाना था। ये पिछले दो-तीन दिनों से चल रहा था। लेकिन बुधवार को सत्ता के नसे में और सिर्फ अपनी चाकत दिखाने के लिए आजसू कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया गया। खैर वक्त सबका एक समान नहीं रहता, कल हेमंत सोरेन भी विपक्ष में हो सकते हैं।