Thursday, March 28, 2024
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निजी कंपनियों में स्थानीय के लिए 75% आरक्षण वाला विधेयक विधानसभा से पारित

कंपनी 60 दिन के अंदर अपीलीय प्राधिकार में अपील कर सकेगी
कंपनी 60 दिन के अंदर अपीलीय प्राधिकार में अपील कर सकेगी

झारखंड में निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत पद स्थानीयों के लिए आरक्षित होंगे। इससे जुड़ा विधेयक गुरुवार को विधानसभा में पास हो गया । अब सिर्फ इसका गजट नोटिफिकेश आना बाकी है। राज्य मंत्रिमंडल ने पहले ही इसे पास कर दिया है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधि विभाग गजट नोटिफिकेशन निकालेगा। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधि विभाग गजट नोटिफिकेशन निकालेगा।

40 हजार या उससे कम वेतन वाले पदों पर स्थानीय की नियुक्ति

राज्य के निजी कंपनियों में 40 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन वाले 75 फीसद पद पर अब स्थानीय युवक-युवतियों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। विधानसभा में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बुधवार को प्रवर समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

10 या उससे ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनियों पर ही लागू

इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद अब राज्य में निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान को स्थापित करने के लिए विस्थापित हुए परिवार के उम्मीदवार, संबंधित जिले के स्थानीय नौजवान और समाज के सभी वर्गों को नौकरी में अवसर देना होगा। यह दस या दस से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाली उन संस्थाओं पर भी लागू होगा, जिन्हें सरकार मान्यता देती है। इससे संबंधित नियमावली में दर्ज विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करने पर कम से कम 10 हजार से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है।

श्रम विभाग के पोर्टल पर निबंधित युवाओं को ही लाभ

श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत कराने वाले युवाओं को ही इसका लाभ मिलेगा। इसमें केंद्र व राज्य सरकार के उपक्रम से जुड़ी आउटसोर्स कंपनियां भी इस कानून के दायरे में लाई गई हैं। समिति की रिपोर्ट के आधार पर सक्षम प्राधिकार कंपनी के दावे को स्वीकृत या खारिज कर सकेगा। इससे संबंधित आदेश को कंपनी 60 दिन के अंदर अपीलीय प्राधिकार में अपील कर सकेगी।

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