बिहार के लिए केंद्रीय बजट 2025 में एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासतौर पर बाढ़ और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त मदद की उम्मीदों के साथ। पिछले साल केंद्र सरकार ने बिहार को अतिरिक्त सहायता प्रदान की थी, और इस बार भी राज्य को उम्मीद है कि उसे वित्तीय सहायता मिलेगी।
पिछले बजट में मिली अतिरिक्त सहायता
पिछले केंद्रीय बजट में बिहार को करीब 63,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पैकेज मिला था। इसमें 13,000 करोड़ रुपये बाढ़ राहत, 26,000 करोड़ रुपये सड़क और एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए और 8,000 करोड़ रुपये विशेष सहायता के रूप में दिए गए थे। इन संसाधनों का बिहार ने बाढ़ राहत और विकास कार्यों में उपयोग किया।
विकास दर और जनसंख्या घनत्व
बिहार की विकास दर 14.47% है, जो उसे राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर रखता है। हालांकि, राज्य का जनसंख्या घनत्व 11,106 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, जो एक बड़ा चुनौती है। जनसंख्या वृद्धि दर भी 14.4% तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे राज्य के संसाधनों पर दबाव बढ़ सकता है।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं में बढ़ी राज्य की हिस्सेदारी
केंद्र प्रायोजित योजनाओं में अब राज्यों की हिस्सेदारी 40-50% तक बढ़ गई है, और कुछ योजनाओं में यह 25% तक भी हो सकती है। यह बिहार जैसी राज्यों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जहां वित्तीय संसाधन सीमित हैं। केंद्र की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए बिहार को अपनी हिस्सेदारी समय पर पूरी करनी होती है, जो कई बार समस्याओं का कारण बन जाती है।
बिहार को अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता
बिहार सरकार का बजट 2.78 लाख करोड़ रुपये है, और राज्य इस बजट को बढ़ाने के लिए केंद्र से अतिरिक्त मदद की उम्मीद कर रहा है। विशेष रूप से बाढ़ और सूखा राहत के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है।
अर्थशास्त्रियों और पत्रकारों की राय
अर्थशास्त्री डॉ. विद्यार्थी विकास का मानना है कि जैसे आंध्र प्रदेश को अतिरिक्त सहायता दी गई है, वैसे ही बिहार को भी विशेष पैकेज की आवश्यकता है। वे सुझाव देते हैं कि पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाना चाहिए और राज्य में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का भी मानना है कि बिहार को केंद्रीय सहायता बढ़ानी चाहिए, विशेषकर सड़क, एक्सप्रेसवे, कृषि और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में। वे इस बात पर जोर देते हैं कि बिहार को केंद्र सरकार से विशेष प्रोजेक्ट्स के जरिए सहायता प्राप्त करनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने खोला था खजाना
पिछले साल, 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने बिहार को 63,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था। इस पैकेज का अधिकांश हिस्सा बाढ़ राहत, सड़क निर्माण और विशेष सहायता के रूप में था। बिहार सरकार ने इन फंड्स का उचित उपयोग किया, और 45,000 करोड़ रुपये तक की राशि केंद्र से प्राप्त हो चुकी है।