बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े स्तर पर हिंसा, मारपीट और अगजनी की साजिश का खुलासा हुआ है । पहले चरण के चुनाव के पूर्व झारखण्ड और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बम और बारूद छुपाकर जमा किए जा रहे हैं । चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिए हथियार जमा किए जा रहे हैं । गुरुवार को झारखण्ड के साहिबगंज और बंगाल के मालदा के बॉर्डर पर बम का ज़खीरा बरामद हुआ। बमों को निष्क्रिय करते वक्त कुछ बम फट भी गए, लेकिन गनीमत थी कि किसी की जान नहीं गई । घटना स्थल से राजेश कुमार जैन की रिपोर्ट
चुनाव मे दहशत फैलाने व चुनाव को रक्तरंजित करने के उद्धेश्य से रखे गए बम को पुलिस ने बरामद किया। बरामद किये गए बम मे कई बम निष्क्रिय करने से पूर्व ही विस्फोट हो गए। विस्फोट मे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
बंगाल चुनाव में “खेला होवे, खेला होवे”….
राज्य में एक तरफ चुनाव दूसरी तरफ “खेला होवे, खेला होवे” का स्लोगन को चरितार्थ करते हुए आज मालदा जिला कालियाचक गुलाबगंज फाड़ी के अंतर्गत शाहबाजपुर इलाका के पाकाकोट क्षेत्र में आम के बागान में छिपाये गए बमों को बरामद किया गया ।
बमों की सूचना प्राप्त होते ही मालदा सीआईडी मौके पर पहुंच सभी बमों को निष्क्रिय करने में जुट गई। वही दो-तीन बम विस्फोट भी हो गए। विस्फोट मे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बम मिलने पर चारों ओर हड़कंप मच गया है और पुलिस प्रशासन सकते में आ गयी है। अहतियात के तौर पर चौकसी बढ़ाते हुए छानबीन में जुट गई हैं ।
आखिरकार ये बम का जखीरा किसने लाया और उसका उद्धेश्य क्या रहा होगा। पुलिस इसकी तफ्तीश मे जुट गई है। वहीं पुलिस महकमे में चुनाव के दौरान बम प्राप्त होना चिंता का विषय है । ज्यों ज्यों चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है वही शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने का दबाव बढ़ता जा रहा है । आखिर देखना है के दिए गए स्लोगन “खेला होवे” से प्रशासन कैसे पार पाता है।