इस्लामाबाद: पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के प्रमुख और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-ज़रदारी ने मंगलवार को भारत से अपील की कि वह “खुले हाथों से शांति के लिए आगे आए, न कि मुट्ठी बंद करके”। यह बयान तब आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
बिलावल ने कहा कि अगर भारत शांति चाहता है, तो उसे बातचीत के लिए तैयार रहना चाहिए। “अगर भारत शांति की राह पर चलना चाहता है, तो आए खुले हाथों के साथ… पड़ोसी बनकर सच्चाई की बात करें,” उन्होंने नेशनल असेंबली में कहा।
लेकिन इसी बिलावल ने कुछ समय पहले पानी के मुद्दे पर भारत को खुलेआम ‘खूनखराबे’ की धमकी दी थी, और इसके पहले भी कश्मीर को लेकर हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे बयान दे चुके हैं। ऐसे में आज जब वे ‘न्याय, आशा और संवाद’ की बात कर रहे हैं, तो यह दोहरे मापदंड से कम नहीं।
बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान जंग नहीं, आज़ादी के लिए लड़ेगा और भारत को तय करना होगा कि वह ‘संवाद चाहता है या विनाश’। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जैसे कि इंदस जल संधि का निलंबन और अटारी बॉर्डर को बंद करना।