
उज्जवल दुनिया संवाददाता
बरही। वर्तमान समय में सरकार का राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत बालू का कारोबार बेहद संकट के दौर से गुजर रहा है। झारखंड सरकार के निर्देशानुसार राज्य में बालू उत्खनन का कार्य 10 जून से अक्टूबर 2021 तक बंद रखने का सभी जिलों के निर्देश जारी किया है। जिन लोगों को घरेलू कार्य के लिए बालू की आवश्यकता है, वह जिला खनन विभाग के पोर्टल से ऑनलाइन चलान कटवाने की सुविधा दी है। सरकार ने इन महीनों में उत्खनन पर रोक इसलिए लगाया है ताकि जब बरसात ज्यादा होती है तो बालू घाटों पर पानी उफान पर रहता है। जिस कारण कामगारों के जान-माल की क्षति होने की आशंका बनी रहती है। इनकी सुरक्षा को देखते हुए उक्त कदम उठाया गया है।
बालू माफियाओं की पहुंच भपर तक- ग्रामीण
वहीं सरकार के निर्देश के खिलाफ बालू माफिया बरही पदमा क्षेत्र के नदी बालू घाटों से अवैध बालू उत्खनन कर प्रशासनिक अधिकारी के नजर के सामने धड़ल्ले से बाजार व अन्य जगहों पर सप्लाई करने में लगे हुए हैं। परन्तु इसे रोक पाने में पुलिस व प्रशासन अथवा खनन विभाग सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। इन कारणों से बालू माफियों का बाल भी बांका नहीं हो रहा है और उनके इरादे बुलंद होते जा रहे हैं। आखिर ग्रामीण शिकायत करे तो किस से करें। इस बात को लेकर वे सहमे हुए हैं,कहते हैं कि इन लोगों का पहुंच बहुत ऊपर तक है।
हर रोज करीब 500 ट्रैक्टर अवैध बालू का उठाव
स्थानीय लोगों ने बताया कि बरही प्रखंड के निचितपुर व पेटादरी पदमा प्रखंड के पिंडारकोन, केवटा, गोतिया नदी घाटों से रात भर बालू का डम्पिंग व मध्य रात्रि से ही हाइवा से अन्यत्र स्थानों में भेजने एवं ट्रेक्टरों से बरही थाना क्षेत्र व पदमा थाना क्षेत्र की सड़कों पर दिन के उजाले में रेंगते नजर आते हैं। इसमें खासकर बालू दलालों की चांदी हो रही है। सूत्रों के अनुसार रोजाना करीब पांच सौ ट्रैक्टर से भी अधिक व कई हाइवा बालू का उठाव इन नदियों से हो रहा है। इसके बाद भी सबंधित विभाग व खनन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है।

