ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 72 अन्य लोगों के खिलाफ मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को गिराने की साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) द्वारा दर्ज किया गया है।
CID को ऑनलाइन बैठक में मिली साजिश की जानकारी
CID ने यह मामला तब दर्ज किया जब उसे पता चला कि 19 दिसंबर 2024 को एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें “जॉय बांग्ला ब्रिगेड” नामक एक समूह बनाया गया। इस बैठक में चर्चा हुई कि हसीना को गृहयुद्ध के जरिए फिर से सत्ता में लाया जाए।
राज्य संचालित BSS एजेंसी के अनुसार, बैठक में हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग में शेख हसीना, होस्ट डॉ. रब्बी आलम, सह-होस्ट और अन्य नेताओं के बीच सरकार को अस्थिर करने की साजिश पर चर्चा हुई थी। पुलिस का कहना है कि इस बैठक में 577 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें देश-विदेश के लोग शामिल थे।
हसीना पर कई मामलों का सामना
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शेख हसीना का 16 साल लंबा शासन 5 अगस्त 2024 को एक छात्र-नेतृत्व वाले जन आंदोलन के कारण समाप्त हो गया था।
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सत्ता से बेदखल होने के बाद 77 वर्षीय हसीना गुप्त रूप से भारत चली गईं, जहां वह वर्तमान में रह रही हैं।
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हसीना के खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें नरसंहार और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप शामिल हैं।
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उनकी पार्टी आवामी लीग अब बांग्लादेश की राजनीतिक व्यवस्था से पूरी तरह गायब हो चुकी है।
पश्चिमी समर्थन से साजिश का आरोप
हसीना और उनके समर्थकों ने दावा किया कि मुहम्मद यूनुस ने एक पश्चिमी देश के सहयोग से उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची थी।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जांच
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना और उनके कई सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगाए हैं। यह वही ट्रिब्यूनल है जिसे हसीना सरकार के दौरान 1971 के युद्ध अपराधों की जांच के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन अब वही ट्रिब्यूनल हसीना के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।