नई दिल्ली: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अचानक मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे में कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। चश्मदीदों का कहना है कि यह घटना कुंभ मेले के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण हुई।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्टेशन पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 से कुंभ स्पेशल ट्रेन के जाने की सूचना दी गई थी, लेकिन बाद में इसे प्लेटफॉर्म 16 से रवाना किया गया। प्लेटफॉर्म बदलने की वजह से अचानक भीड़ उमड़ पड़ी और भगदड़ मच गई।
चश्मदीदों का बयान
स्टेशन पर काम करने वाले कुली और यात्रियों ने बताया कि भीड़ इतनी अधिक थी कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। एक कुली, बुरहान ने बताया, “हमने कई शवों को अपने हाथों से उठाया। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भारी परेशानी हुई। स्थिति इतनी भयावह थी कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए।”
एक अन्य कुली, मोहम्मद हाशिम ने बताया, “हमने कई बेहोश बच्चों को बाहर निकाला। एक चार साल की बच्ची बेहोश थी, जब उसकी सांस वापस आई तो उसकी माँ खुशी से रोने लगी।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफॉर्म बदलने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि भगदड़ यात्रियों के बीच घबराहट की वजह से हुई। प्रशासन का कहना है कि घायलों को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
लोगों में आक्रोश
हादसे के बाद यात्रियों और उनके परिजनों में आक्रोश देखा गया। कई लोगों ने रेलवे प्रशासन पर अव्यवस्था का आरोप लगाया। जीतेश मीणा नाम के कुली ने बताया, “अगर पहले से तैयारी होती, तो यह हादसा नहीं होता। हमें छठ पूजा के दौरान जैसी व्यवस्थाएं देखने को मिलती हैं, वैसी ही यहां भी होनी चाहिए थी।”
निष्कर्ष
यह हादसा दर्शाता है कि भीड़ नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे को और अधिक कड़े उपाय करने की ज़रूरत है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को सुनियोजित ढंग से भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था करनी होगी।