पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को त्रिणमूल छात्र परिषद (TMCP) के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि वह जब तक जीवित हैं, किसी को भी लोगों के मतदान अधिकार छीनने नहीं देंगी। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके पूर्वज ब्रिटिश एजेंट थे जो जेल से निकलने के लिए अंडरटेकिंग देते थे।
ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्ष राजनीतिक रूप से उन्हें नहीं हरा पाया, इसलिए अब शिक्षक भर्ती घोटाले जैसे मामलों के जरिए न्यायालय में लड़ाई कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल के इतिहास को बदनाम करने और स्वतंत्रता संग्राम की गाथा को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की साजिश चल रही है।
उन्होंने कहा, “क्षुदीराम बोस का नाम बदलकर ‘खुदीराम सिंह’ किया जा रहा है। केरल की किताबों में लिखा जा रहा है कि नेताजी ब्रिटिश से डरकर भाग गए थे। क्या ये सब बंगाल की महिमा को कम करने की कोशिश नहीं है?”
बंगाली भाषा को लेकर उन्होंने कहा, “अगर बंगाली भाषा जैसी कोई चीज नहीं है, तो राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ किस भाषा में लिखा गया? रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे किस भाषा में लिखा?”
उन्होंने यह भी कहा कि ‘जय हिंद’ का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने लोकप्रिय बनाया और ‘वंदे मातरम’ बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा, दोनों ही बंगाली थे। विभाजन को लेकर उन्होंने कहा, “भारत का विभाजन नहीं हुआ था, बंगाल और पंजाब का विभाजन हुआ था। तभी दूसरी तरफ के लोग भी बंगाली बोलते हैं। लगभग 90% स्वतंत्रता सेनानी बंगाली थे, बाकी पंजाबी थे। इसलिए इन दो राज्यों का विभाजन हुआ। बंगाल के लोग क्यों जिम्मेदारी लें? हम तो वहां थे ही नहीं।”
हालांकि, ममता बनर्जी के इन दावों के विपरीत, टीएमसी सरकार पर ही राज्य में बार-बार होने वाले दंगों और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। उनके शासन में बांग्लादेशी मुस्लिम अवैध प्रवासियों को संरक्षण देने की नीति ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे भारत में कानून-व्यवस्था के लिए समस्याएं पैदा की हैं।
इससे पहले, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर संदेश देते हुए टीएमसीपी के सदस्यों से अन्याय के खिलाफ कभी समझौता न करने का आह्वान किया और भरोसा दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़ी रहेंगी।
टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी इस अवसर पर कहा कि टीएमसीपी ने हमेशा युवाओं को अपनी आवाज बुलंद करने और अपने सपनों को पूरा करने का मंच प्रदान किया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार बंगाल के मतदाताओं को चुन-चुन कर निशाना बना रही है और बंगालियों को ‘बांग्लादेशी’ कहकर उनका अपमान कर रही है।