भीषण गर्मी के बीच पानी की किलत, ग्रामीणों का टूटा सब्र का बांध, संवेदक को बनाया बंधक
गिरिडीह में प्रचंड गर्मी का पारा 44℃ पार, चुंजका में पानी की समस्या झेल रहे ग्रामीणों का सब्र का बांध आखिरकार टूट गया
गिरिडीह, 16 जून: भीषण गर्मी को लेकर जिले के विभिन्न इलाकों में जलसंकट की घोर समस्या उत्पन्न हो गयी है। स्थिति यह कि आक्रोश में लोग अब सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। एक तरफ गिरिडीह सदर प्रखंड के चुंजका पंचायत में ग्रामीणों ने नल जल योजना से पानी सप्लाई नहीं होने के कारण संवेदक को बंधक बना लिया था। वहीं जिले के गांडेय प्रखंड के अंतर्गत हिरजन टोला की महिलाएं मोहदा मोड़ के पास सड़क पर उतर आईं और गिरिडीह- जामताड़ा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। मौके पर काफी संख्या में महिला-पुरुष और बच्चे सभी अपने-अपने घरों से बाल्टी, डेकची आदि को लेकर सड़क पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता मौके पर पहुँच कर आक्रोशित ग्रामीणों को कराया शांत और बंधक बने संवेदक को कराया मुक्त
भीषण गर्मी में पेयजल की संकट झेल रहे ग्रामीणों का पारा सातवें आसमान पर है। चुंजका के ग्रामीणों ने जल जीवन मिशन का कार्य कराने वाले संवेदक को रस्सी से बांध कर बंधक बना लिया। सदर प्रखंड के चुंजका में लगभग आधा दर्जन जल मीनार हैं, मगर किसी से भी पानी ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
इधर ग्रामीणों ने मांग किया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जब तक नहीं आते, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी। सूचना पर पीएचडी के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार मंडल पहुँचकर आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कराया और बंधक बने संवेदक को मुक्त कराया। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जल्द समाधान होगा।
ग्रामीण सुरेंद्र दास ने बताया कि चुंजका में पानी की घोर समस्या है। इस चिलचिलाती धूप और गर्मी में लोगों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है। इधर ग्रामीणों ने बताया कि चार महीने से जल जीवन मिशन के तहत बोरिंग कर संवेदक द्वारा स्ट्रक्चर खड़ा कर टंकी बैठा दी गई और पाइप भी बिछा दी गई लेकिन आज तक उसमें एक बूंद पानी नहीं आया है। इसकी जानकारी कई बार संवेदक दिलीप दुबे को दी गई, लेकिन उनकी बात को संवेदक द्वारा नहीं सुना गया जिससे ग्रामीण उग्र थे। संवेदक दिलीप दुबे को गांव बुलाकर ग्रामीणों ने पहले इस भीषण गर्मी में पानी सप्लाई शुरू कराने की बात कही। सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने पर ग्रामीण उग्र हो गए और रस्सी से संवेदक का हाथ बांध दिया।