अगले सप्ताह अलास्का में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शिखर सम्मेलन से पहले, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया है। इसमें ट्रंप, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की, नाटो के महासचिव और कई यूरोपीय नेताओं को शामिल किया जाएगा।
इस बैठक का मुख्य विषय यूक्रेन संकट और रूस पर दबाव बढ़ाने के विकल्प होंगे, साथ ही संभावित शांति वार्ता, क्षेत्रीय दावे और सुरक्षा से जुड़े मसलों पर भी चर्चा होगी।
अलास्का में होने वाली शिखर बैठक में फिलहाल यूरोपीय और यूक्रेनी प्रतिनिधि शामिल नहीं हैं, जिससे उनकी नाराजगी जाहिर हो रही है। यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी रूस द्वारा कब्जे वाले इलाकों पर किसी भी तरह की भूमि अदला-बदली को सख्ती से नकारते हैं।
चांसलर मर्ज ने स्पष्ट किया है कि जर्मनी रूस और अमेरिका को बिना यूरोपीय या यूक्रेनी सहमति के क्षेत्रीय मसलों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देगा।
रूस ने 2014 में क्रीमिया और 2022 में पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क तथा दक्षिणी खेरसन और ज़ापोरिज़्ज़िया क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, जबकि वास्तविक नियंत्रण सीमित है।
नाटो महासचिव मार्क रूटे ने संकेत दिया है कि वार्ता में रूस के नियंत्रण वाले क्षेत्रों को ध्यान में रखना पड़ सकता है, हालांकि वह कानूनी रूप से अस्वीकार्य है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने जोर दिया है कि युद्धविराम के बिना किसी भूमि सौदे पर बात नहीं होनी चाहिए, और यूरोप इसके पक्ष में है।
यूरोप के नेतृत्व वाले देशों का मानना है कि यूक्रेन को मजबूत सशस्त्र बलों और किसी भी प्रकार की सुरक्षा बाधाओं के बिना समर्थित किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में रूस की नई आक्रमण की आशंका को रोका जा सके।