अहमदाबाद: अहमदाबाद के मेघाणी नगर में हुए एयर इंडिया के विमान दुर्घटना ने भारी मानव क्षति तो पहुंचाई ही, साथ ही पशु-पक्षियों की भी बड़ी संख्या में मौत हो गई। यह इलाका जहां हादसा हुआ, वहां पेड़ों और इमारतों में कई आवारा कुत्ते, बिल्लियाँ, कबूतर और मोर रहते थे। 12 जून को हुए इस हादसे में कम से कम 5–6 कुत्तों के जलकर मरने की आशंका है।
शनिवार को ETV भारत की टीम जब AI 171 फ्लाइट क्रैश स्थल पर पहुँची, तो कई पशु कल्याण कार्यकर्ता मूक जीवों की देखभाल करते दिखे। पहले जो इलाका चहल-पहल से भरा रहता था, वहां अब मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की जली हुई बिल्डिंग्स और राख के ढेर हैं।
🐾 प्राकृतिक क्षेत्र अब राख में तब्दील
मेघाणी नगर का मेडिकल कॉलेज परिसर हरियाली से भरा हुआ था, जहां कई पक्षी और जानवर रहते थे। अब यह क्षेत्र जलकर खाली और खामोश हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां कई मोर भी रहते थे। हादसे के बाद से कई पशु इधर-उधर घबराए हुए भाग रहे हैं, और कई अब भी भोजन-पानी के लिए तड़प रहे हैं।
💬 नामस्ते फाउंडेशन की खुशी दवे ने बताया:
“हम हादसे के दिन रात 9-10 बजे ही पहुंच गए थे। कई जानवर और पक्षी मरे हुए मिले। हमें 5-6 कुत्तों की लाशें दिखीं। कुछ पालतू कुत्ते भी डॉक्टरों के साथ हॉस्टल में रहे होंगे, पर हमें बिल्डिंग के अंदर जाने की इजाज़त नहीं मिली।”
🐶 डरे हुए जानवर, अधूरी मदद
घटना के समय की तेज़ आवाज़ और धुएं से जानवर बुरी तरह घबरा गए। अब वो पहचाने हुए लोगों से भी डर रहे हैं। खुशी बताती हैं:
“हम उन्हें खाना देने आए हैं लेकिन वो पास तक नहीं आ रहे। बड़ी मुश्किल से कुछ को खाना और पानी दे पाए हैं। अभी भी कई कुत्ते इमारतों में फंसे हुए हैं, लेकिन पुलिस अंदर जाने नहीं दे रही।”
💔 जले हुए पेड़ और मरे हुए जानवर
एक लाख लीटर ईंधन के जलने से चारों तरफ काली दीवारें, राख, और जले हुए पेड़ दिख रहे हैं। कई पशु वहीं मरे पाए गए जहां वे हादसे के समय मौजूद थे। एक पशु प्रेमी ने कहा:
“जांच के चलते हमें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। कितने जानवर मरे हैं, इसका आंकड़ा ही नहीं है। बचे हुए जानवर भी बुरी हालत में हैं। कुछ को इलाज की ज़रूरत है।”
🌍 मूक प्राणियों की सेवा: असली नायक
इस हादसे ने मानवता को झकझोर दिया है। जहां कई परिवार अपनों को खो चुके हैं, वहीं पशु कल्याण कार्यकर्ता चुपचाप जानवरों के जख्म भरने की कोशिश कर रहे हैं।
“इस दुनिया में हर प्राणी को प्यार, भोजन और देखभाल की ज़रूरत है,” एक कार्यकर्ता ने कहा।