नई दिल्ली: भारत ने कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, एक भारतीय तकनीकी दल न्यूयॉर्क में UN की 1267 प्रतिबंध समिति की मॉनिटरिंग टीम और अन्य साझेदार देशों से बातचीत कर रहा है।
दल संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) और संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) से भी मुलाकात करेगा ताकि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और सुदृढ़ किया जा सके।
सूत्रों ने बताया,
“एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयॉर्क में है। वे आज 1267 प्रतिबंध समिति की मॉनिटरिंग टीम और संयुक्त राष्ट्र के अन्य भागीदार देशों से बातचीत कर रहे हैं।”
यह कूटनीतिक पहल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी और यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा माना जाता है, जो पहले से ही UN द्वारा प्रतिबंधित है।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत TRF को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल कर सदस्य प्रतिबंध, यात्रा प्रतिबंध और संपत्ति जब्ती जैसे प्रतिबंध लागू करवाना चाहता है।
यह भी जानकारी मिली है कि भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र को TRF की पहलगाम नरसंहार में कथित संलिप्तता के सबूत सौंपे जा सकते हैं।
गौरतलब है कि इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। 6-7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 9 बड़े आतंकी लॉन्चपैड्स को तबाह कर दिया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया।