
रांची। मानसून सत्र के समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि महीने भर बाद बड़े पैमाने पर नियुक्ति होगी। पहली बार नियुक्ति नियमवली बनाई। जिस तरीके से सरकार झारखंड को मजबूत करने की नींव डाल रही है अब आगे परेशानी नहीं होगी।नियुक्तियों पर लगातार काम हो रहा है।
विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही भाजपा
समापन भाषण में मुख्यमंत्री के निशाने पर भाजपा रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र को तार तार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सत्ता के बिना भाजपा की स्थिति पानी बिना मछली वाली हो गयी है। वह किसी भी तरह से इन केन प्रकारेण सत्ता हथियाने चाहती है। लेकिन ऐसे लोगों को सदन में नहीं बल्कि जनता जवाब देती है। अभी बंगाल चुनाव में जनता ने इन्हें जवाब दे दिया है। यह सिलसिला रुकनेवाला नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता इन्हें सबक सिखाने में लगी है। बंगाल में चुनाव हो रहा था लेकिन ऐसा लग रहा था कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा हो। भाजपा जनता की सेवा क्या करेगी यह तो विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही है।
केंद्र झारखंड के साथ कर रही है सौतेला व्यवहार
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सीएम ने कहा कि केंद्र के पास झारखंड का करोड़ों रुपए बकाया है। केंद्र नहीं दे रहा है। हमारा पैसा तो केंद्र नहीं दे रहा हैं लेकिन हमारे खाते से हजारों करोड़ बिना बताए काट ले रही है। यह असंवैधानिक है। कहा कि हम निर्णय ले सकते हैं अगर निर्णय लिया तो केंद्र सरकार अंधेरे में चल जाएगा। हम ऐसा नहीं करेंगे। देश हित मे कोई काला कानून नहीं ला सकते।
नियोजन नीति में भाषा को समाहित करना गैर कानूनी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजन में भाषा को लेकर विपक्ष विवाद खड़ा कर रहा है। नियोजन नीति में भाषा को समाहित करना गैर कानूनी नहीं है। क्या भाषा हमारी संस्कृति नहीं है। क्या भाषा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। पूर्व की सरकार ने भाषा को बढ़ावा नहीं दिया। खतियान धारी लोगों और आदिवासियों की संख्या घाटी है। सीएम ने कहा कि हमें गर्व है कि हम भाषा को संरक्षित कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हर संभव यहां के लोगों को नियोजित किया जाय।
75 प्रतिशत आरक्षण के बाद भी लड़ाई लड़नी होगी
सीएम ने कहा कि इसी सत्र में सरकार ने निजी क्षेत्रों में 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून बनाया है। लेकिन इस कानून के बाद भी हमें लड़ाई लड़नी होगी।इन वर्ग के लोगों को और ताकत इकट्ठा करना होगा। यही वजह है कि भारत सरकार को भी अब ओबीसी की ताकत का एहसास होने लगा है ।