उज्ज्वल दुनिया, हजारीबाग(संदीप सिन्हा)। हजारीबाग जिले के लिए अच्छी खबर यह है कि कोविड में जान गंवाने वाले लोगों के अनाथ बच्चों को प्रशासन ने गोद लेना शुरू कर दिया है।
इसी नेक पहल का शुभारंभ करते हुए डीसी आदित्य कुमार आनंद समेत पूरा प्रशासनिक अमला कटकमदाग प्रखंड के खपरियावां गांव में कोरोना प्रभावित गांव पहुंचा।
डीसी ने कोरोना में जान गंवाए महेन्द्र साव के परिजनों और आश्रित बच्चों को आगे की पढ़ाई सहित सरकार की संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़कर हर संभव मदद करने की बात कही।
उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि परिवार के कमाऊ सदस्य की कोरोना से मृत्यु होने पर परिवार को बिखरने से बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं।
कई संस्थाएं भी इस दिशा में काम कर रही हैं। समाज कल्याण विभाग अथवा समेकित बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से वैसे प्रभावित परिवार की मदद के लिए लोग आवेदन कर सकते हैं।
समाज कल्याण विभाग की इस स्पांसरशिप स्कीम में लाभ लेने के लिए आवेदन किया जा सकता है।
वहां मृतक महेन्द्र साव की 16 वर्षीय पुत्री और 11 वर्षीय पुत्र को खेल किट, कंबल, मच्छरदानी एवं आर्थिक मदद स्वरुप पत्नी के खाते में स्पांसरशिप योजना के तहत 24 हजार रुपए, सूखा राशन सामग्री सहित राशन कार्ड दिए गए।
इस दौरान परिवार का भविष्य सुरक्षित रहे, इसके लिए प्रखंड प्रशासन को अंबेडकर आवास, विधवा पेंशन, सुकन्या योजना, बच्चों की आगे की पढ़ाई की व्यवस्था करने का निर्देश बीडीओ को दिया गया।
इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने कहा कि मृतक के परिवार को सरकार की स्पांसरशिप योजना से सरकारी सहायता मुहैया कराई जाती है।
प्रभावित परिवारों के गुजारा के लिए प्रतिमाह दो हजार रुपए आर्थिक सहायता विभाग की ओर से दिए जाने का प्रावधान है।
अबतक कोरोना से प्रभावित 20 बच्चां तथा नन कोविड से प्रभावित 18 बच्चों को लाभ दिया जा चुका है। वहीं छह लोगों को नवीकरण भी किया गया है।
मौके पर जिला सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार राय, डीडीसी अभय कुमार सिन्हा, डालसा के सचिव संदीप कुमार बाड़ा, कटकमदाग बीडीओ जीतेंद्र कुमार, सीओ बीरेन्द्र कुमार सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित थे।