श्रीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर रविवार को जम्मू पहुंचे। यह दौरा 2024 विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार किसी केंद्रीय मंत्री की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। उनकी यात्रा को लेकर पूरे क्षेत्र में उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
गृहमंत्री के आगमन पर लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने उन्हें बुके देकर स्वागत किया। शाम को शाह ने भाजपा के नेताओं के साथ बैठक की। सोमवार को वे कठुआ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) का दौरा करेंगे, जहां हाल ही में आतंकवादियों से मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
अधिकारियों के अनुसार, शाह कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों से भी मिल सकते हैं। साथ ही वे कोकरनाग मुठभेड़ में मारे गए डीएसपी हुमायूं भट के परिवार से भी श्रीनगर में मुलाकात कर सकते हैं।
सुरक्षा बैठकें और विकास कार्य:
शाह जम्मू में सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों के साथ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वे 7 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचेंगे और 8 अप्रैल को राजभवन में सुरक्षा और विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठकें करेंगे। इसके अलावा, वे कुछ विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। उनका दिल्ली लौटने का कार्यक्रम 8 अप्रैल को है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि:
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब एलजी मनोज सिन्हा और निर्वाचित सरकार के बीच मध्य-स्तरीय अधिकारियों के तबादलों को लेकर मतभेद सामने आए हैं। एलजी की इस कार्रवाई के विरोध में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अपने विधायकों और गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठक की थी।
उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में बयान दिया था कि, “गृहमंत्री का दौरा केवल सुरक्षा समीक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी शामिल होगा।”
नजरबंदी पर विवाद:
इस बीच, हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक और शिया धर्मगुरु आगा सैयद मुहम्मद हादी को रविवार को घर में नजरबंद कर दिया गया। दोनों को श्रीनगर के सैदा कदल में तिबयान कुरान रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लेना था।