रांची : पारस एचईसी अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशु अग्रवाल का कहना है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी कोरोना का टीका जरूरी है। यह न सिर्फ उनके लिए फायदेमंद है बल्कि उनके दूधमुंहे बच्चे के लिए भी लाभदायक है। क्योंकि कोरोना का टीका लेने से मां के शरीर में जो एंटी बॉडी बनेगा वह दूध के माध्यम से उनके बच्चे के शरीर में भी जाएगा। ऐसे में एक साथ मां और दूधमुंहे बच्चे को फायदा होगा और उन्हें कोरोना से सुरक्षा मिलेगी।

बुखार आने पर घबराएं नहीं
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक कोरोना का टीका लेने के बाद स्तनपान करा रही महिला को बुखार आ सकता है। ऐेसे में घबराने की आवश्यकता नहीं है। बुखार होने की स्थिति में पारासिटामोल टेबलेट खा लें। लेकिन स्तनपान नहीं रोकें। उसे जारी रखें।
बाकी लोगों की तरह गर्भवती महिलाओं को भी टीका लेना जरूरी
पारस एचईसी अस्पताल की डॉ. अंशु अग्रवाल का कहना है कि जो महिला गर्भवती हैं, वो भी कोरोना का टीका लगवा लें। भारत सरकार का स्वाथ्य एवं कल्याण मंत्रालय 25 जून 2021 को घोषित कर चुका है कि कोरोना का टीका गर्भवती महिलाओं के लिए पूर्णतः सुरक्षित है। बशर्ते उसे पूर्व में टीका से कोई एलर्जी की समस्या न हो। जैसे सामान्य व्यक्ति को कोरोना का टीका जरूरी है उसी तरह गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह जरूरी है।
गर्भावस्था के किसी भी महीने में ले सकते हैं टीका
गर्भवस्था के किसी भी माह में कोरोना का टीका लिया जा सकता है। यदि कोई महिला आठवें माह में कोरोना का टीका लेती है और इसी बीच उसका डिलीवरी हो जाता है तो समय पूरा होने पर उन्हें अगला डोज लेना चाहिए। ऐसे में कोरोना टीका जरूर लगवाएं। डोज के बीच समय का अंतर भी आम लोगों की तरह होगा। अर्थात कोवैक्सीन में एक माह और कोविशील्ड में तीन माह।
पारस अस्पताल में दिया जा रहा टीका
डॉ. अंशु अग्रवाल ने बताया कि पारस एचईसी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को भी टीका दिया जा रहा है। हर रोज इस तरह की महिला कोरोना का टीका ले रही हैं। यहां कोविशील्ड टीका उपलब्ध है। ऐसे में कोई भी गर्भवती या स्तनपान करानेवाली महिला यहां कोरोना का टीकाकरण करा सकती हैं।