उज्जवल दुनिया संवाददाता/ अजय निराला
हजारीबाग। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल अंतर्गत चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र स्थित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना से भारी मात्रा में कोयला स्टॉक से रहस्यमय तरीके से कोयला गायब होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के अनुसार सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना के कोयला स्टॉक से लगभग 8.75 लाख मीट्रिक टन कोयला गायब हो गया है। इसको लेकर सीबीआई ने रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया है और इसकी जांच-पड़ताल में जुट गई है। सीबीआई और सीसीएल के विजिलेंस की टीम ने संयुक्त रुप से छापामारी की तो यह मामला सामने आया कि 30 अगस्त 2019 को 1804004 टन कोयला स्टाॅक में रहना चाहिए था। लेकिन जांच में महज 92829 टन ही कोयला स्टाॅक उपलब्ध मिला। यानि 48.54 प्रतिशत कोयला स्टाॅक से गायब पाया गया।
सीसीएल को 83.63 करोड़ रुपये का हुआ है घाटा
सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना से भारी मात्रा में कोयला गायब होने से सीसीएल को लगभग 83 करोड़, 63 लाख, 64 हजार, 471 रुपये का घाटा होने का अनुमान लगाया गया है। इस मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए आम्रपाली परियोजना के परियोजना अधिकारी, मैनेजर, सीनियर मैनेजर समेत सात नामजद और अन्य अज्ञात के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन लोगों के ऊपर हुआ है मामला दर्ज
आम्रपाली कोल परियोजना से भारी मात्रा में रहस्यमय तरीके से कोयला गायब होने के मामले में सीबीआई ने जिन लोगों के ऊपर मामला दर्ज किया है। उसमें आम्रपाली कोल परियोजना के परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार शर्मा, प्रबंधक शंभू कुमार झा, सीनियर मैनेजर सर्वेयर, मगध आम्रपाली एरिया उमेश कुमार सिंह, सीनियर अधिकारी, सर्वेयर, मगध आम्रपाली एरिया पंकज कुमार झा, मुख्य प्रबंधक खनन, मगध आम्रपाली एरिया, सीसीएल निहार रंजन साव, मेसर्स एएमपीएल–एमआईपीएल-जीसीएल कोलकाता के सभी निदेशक के ऊपर मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा अन्य अज्ञात के ऊपर भी मामला दर्ज किया गया है।
मेजरमेंट बुक में किया गया छेड़छाड़ कर कोयला किया गया गायब
सीबीआइ द्वारा दर्ज मामले में बताया गया है कि लगातार यह सूचना मिल रही थी कि लंबे समय से सभी आरोपित एक आपराधिक साजिश के तहत मेजरमेंट बुक में छेड़छाड़ कर कोयला गायब करवा रहे हैं। जिसके बाद सीसीएल के वरीय अधिकारियों के साथ जांच के लिए एक टीम बनी और इसकी छानबीन शुरू की गई। छानबीन में कोयला स्टॉक से आठ लाख 75 हजार 774 मिट्रिक टन कोयला गायब मिला। छानबीन में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कोलकाता की कंपनी एएमपीएल – एमआइपीएल – जीसीएल (जेबी ) को आम्रपाली परियोजना में कोयला निकालने से लेकर डंपिंग तक की जिम्मेदारी दी गयी थी। सबने मिलकर यह काम को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया है। अब इस मामले में अनुसंधान की जिम्मेदारी सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची के इंस्पेक्टर रवि शंकर प्रसाद को सौंपी गयी है।