विराट कोहली: 300वें वनडे में इतिहास रचते हुए बने क्रिकेट के महायोद्धा
भारतीय क्रिकेट के बेताज बादशाह विराट कोहली ने 2 मार्च 2025 को न्यूजीलैंड के खिलाफ दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेलते हुए अपने करियर का 300वां एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) मुकाबला पूरा कर लिया। यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाने वाला क्षण बन गया। कोहली अब 300 या उससे अधिक ODI खेलने वाले भारत के सातवें महान खिलाड़ी बन गए हैं, एक ऐसी उपलब्धि जिसे हासिल करना हर क्रिकेटर का सपना होता है।
इससे पहले, यह गौरवमयी उपलब्धि सचिन तेंदुलकर (463 मैच), महेंद्र सिंह धोनी (347 मैच), राहुल द्रविड़ (340 मैच), मोहम्मद अजहरुद्दीन (334 मैच), सौरव गांगुली (308 मैच) और युवराज सिंह (301 मैच) जैसे दिग्गजों के नाम थी। लेकिन कोहली की इस उपलब्धि ने उनकी महानता को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया है।
शानदार करियर, बेमिसाल रिकॉर्ड
कोहली ने अगस्त 2008 में श्रीलंका के खिलाफ दांबुला में अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। पिछले 17 वर्षों में, उन्होंने अपनी मेहनत, जुनून और शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी है। अपने 300वें मैच से पहले ही उन्होंने 299 मुकाबलों में 58.20 की अविश्वसनीय औसत से 14,085 रन बना लिए थे, जिसमें 51 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं।
हाल ही में, कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ एक नाबाद 100 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर भारत को 243 रनों का लक्ष्य 45 गेंद शेष रहते हासिल करने में मदद की थी। इस दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर का सबसे तेज़ 14,000 ODI रन बनाने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया, जिससे यह साबित हो गया कि वह केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि क्रिकेट के आधुनिक युग के शिल्पकार हैं।
तीनों फॉर्मेट में 100 मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी
विराट कोहली ने एक और कीर्तिमान स्थापित करते हुए क्रिकेट इतिहास में वह पहले खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने 300 वनडे, 100 टेस्ट और 100 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। यह उपलब्धि क्रिकेट के हर फॉर्मेट में उनकी श्रेष्ठता और निरंतरता को दर्शाती है।
कोहली की यह सफलता न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरी क्रिकेट बिरादरी के लिए प्रेरणादायक कहानी है। उनके जुनून, प्रतिबद्धता और अदम्य जज़्बे ने उन्हें एक जीवंत किंवदंती बना दिया है। आने वाले समय में वह और कितने कीर्तिमान स्थापित करेंगे, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन एक बात तय है—क्रिकेट का यह शेर मैदान पर जब तक रहेगा, तब तक सुनहरे पन्नों में इतिहास लिखता रहेगा