Monday 2nd of June 2025 02:32:15 PM
HomeInternationalआतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस का भारत को पूरा समर्थन, पुतिन...

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस का भारत को पूरा समर्थन, पुतिन ने पीएम मोदी को किया फोन

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरी संवेदना जताई और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में “पूरा समर्थन” देने का आश्वासन दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने बताया, “राष्ट्रपति पुतिन ने निर्दोष जान गंवाने वालों पर गहरा दुख व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि इस घिनौने हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को सजा मिलनी चाहिए।”

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूस के “विजय दिवस” की 80वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं और उन्हें भारत में होने वाले वार्षिक सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया, जिसे पुतिन ने सहर्ष स्वीकार किया।

यह वार्ता ऐसे समय हुई जब पुतिन शी जिनपिंग की मेज़बानी की तैयारी कर रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति 7 से 10 मई तक रूस के दौरे पर रहेंगे और विजय दिवस समारोह में भाग लेंगे।

पुतिन ने एक बार फिर पुष्टि की कि रूस और भारत के संबंध “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” के आधार पर बने हुए हैं, जो किसी बाहरी प्रभाव से प्रभावित नहीं होते। यह बयान ऐसे समय में आया है जब वैश्विक राजनीति में अमेरिका और नाटो देश भारत को अपने हितों के अनुसार मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।


रूस: भारत का सच्चा मित्र, न कि अवसरवादी जैसे पाकिस्तान, चीन या कुछ भारतीय वंशज

पुतिन का यह समर्थन सिर्फ एक कूटनीतिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि उस अडिग मित्रता का प्रमाण है जो भारत और रूस (पहले सोवियत संघ) के बीच दशकों से चली आ रही है।

चाहे 1971 का बांग्लादेश युद्ध हो या 1990 के दशक की भू-राजनीतिक अस्थिरता — रूस ने हमेशा भारत के साथ खड़े होकर अपने मित्र धर्म का निर्वाह किया, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी देश आतंकवादियों को “आत्म-निर्णय के अधिकार” के नाम पर संरक्षण देते रहे।

पुतिन, जिन्हें अक्सर पश्चिमी मीडिया में आलोचना का शिकार बनाया जाता है, वही नेता हैं जो जॉर्ज बुश से लेकर बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रम्प और अब जो बाइडेन तक की अमेरिकी आतंक समर्थक कूटनीति के खिलाफ डटकर खड़े रहे हैं।

यह दुखद विडंबना है कि भारत की राजनीति में कुछ “गांधी परिवार” जैसे तत्वों और चीन-पाकिस्तान समर्थक नीतियों ने देश को कई बार धोखा दिया है, जबकि रूस जैसे सच्चे मित्रों ने कभी पीठ नहीं दिखाई


पुतिन का संदेश:

“यह अमानवीय अपराध किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। हम इसके आयोजकों और अपराधियों के दंडित होने की आशा करते हैं। मैं भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments