उज्ज्वल दुनिया /रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षों, प्रवक्ताओं और मीडिया टीम के सदस्यों द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर केंद्र सरकार द्वारा 1417 करोड़ रुपये की वसूली के खिलाफ आवाज बुलंद किया। प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार के इस पक्षपातपूर्ण निर्णय का असर बेरमो और दुमका विधानसभा उपचुनाव पर पड़ेगा और जनता उपचुनाव में भाजपा को सबक सिखायेगी।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने इस क्रम में लोहरदगा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार और केंद्रीय उपक्रमों के पास झारखंड का करीब 75 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार इस राशि को देने के बजाय संकट की इस घड़ी में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों से ही गलत और अलोकतांत्रिक तरीके से अचानक 1417 करोड़ रुपये आरबीआई के माध्यम से डीवीसी के बकाया राशि के रूप में वसूल लेती है। आदिवासी विरोधी केंद्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैये के कारण झारखंड के समक्ष बड़ी मुश्किल उत्पन हुई है।
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि एक ओर केंद्र सरकार खुद कोरोना संकट की बात कह कर गैर भाजपा शासित राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के बकाया भुगतान देने से इंकार कर रही है, वहीं इस संकट की घड़ी में ही राज्य सरकार के खाते से सीधे राशि निकाल लेने का काम कर रही है। केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार का अभी 2982 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन मद में बकाया है। वहीं 38600 करोड़ रुपये कोल इंडिया और सेल पर खान विभाग का बकाया है। इसके अलावा 33000 करोड़ रुपये कोल कंपनियों पर लगान का बकाया है। आलोक कुमार दूबे ने कहा कि अन्य राज्यों पर भी बकाया है पर राशि नहीं काटी गयी, जबकि तामिलनाडू, तेलंगाना, कर्नाटक, कश्मीर, आंध्रप्रदेश पर 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा बकाया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने गुमला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि केंद्र सरकार ने डीवीसी के बकाया के रूप में 1417 करोड़ रुपये काट कर झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य को नीचा दिखाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने का कदम उठाया गया है। इसका जवाब राज्य की जनता दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव के माध्यम से देगी।