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नक्सली हिंसा में 14 वर्षों में 81% की गिरावट: राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री ने दी जानकारी

नई दिल्ली: वर्ष 2010 में जब वामपंथी उग्रवाद (LWE) चरम पर था और 1936 घटनाएँ दर्ज की गई थीं, तब से 14 वर्षों में नक्सली हिंसा में 81% की गिरावट आई है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में यह जानकारी दी।

मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 में नक्सली हिंसा की कुल 374 घटनाएँ रिपोर्ट की गईं। वहीं, नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौतों की संख्या भी 2010 में 1005 से घटकर 2024 में 150 रह गई, जो 85% की गिरावट दर्शाती है।

मंत्री ने बताया कि यह गिरावट 2015 में भारत सरकार द्वारा ‘नक्सलवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्ययोजना’ को मंजूरी देने के कारण संभव हुई है। इस नीति के तहत सुरक्षा उपायों, विकास कार्यों, और स्थानीय समुदायों के अधिकारों व सुविधाओं को सुनिश्चित करने जैसी बहु-आयामी रणनीति अपनाई गई, जिससे हिंसा में लगातार कमी आई और इसका भौगोलिक विस्तार सिमटता गया।

पिछले छह वर्षों में हिंसा में गिरावट

गृह राज्य मंत्री राय ने बताया कि पिछले छह वर्षों में नक्सली हिंसा में 25% की गिरावट आई है। 2019 में नक्सली हिंसा की 501 घटनाएँ दर्ज की गई थीं, जो 2024 में घटकर 374 रह गईं। 2023 में 485, 2022 में 413, 2021 में 361, 2020 में 470, और 2019 में 501 घटनाएँ दर्ज हुई थीं। इस दौरान मौतों की संख्या भी 26% घट गई (2019 में 202 और 2024 में 150)।

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में नक्सली हिंसा में भारी गिरावट आई है, जहाँ 2019 में 166 घटनाएँ दर्ज हुई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 69 रह गई। बिहार में नक्सली हिंसा के मामलों में भारी कमी आई, जहाँ 2019 में 48 घटनाएँ दर्ज हुई थीं, लेकिन 2024 में यह घटकर केवल दो रह गईं। महाराष्ट्र में 2024 में नक्सली हिंसा के 10 मामले सामने आए, जबकि 2019 में 48 घटनाएँ दर्ज हुई थीं। ओडिशा में भी 2019 में 34 घटनाएँ दर्ज की गई थीं, जो 2024 में घटकर मात्र छह रह गईं।

नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का संकल्प

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज्यसभा में कहा था कि केंद्र सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने यह भी बताया कि नक्सल गतिविधियों पर निगरानी रखने और उनके खिलाफ कारगर कार्रवाई करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

शाह ने कहा, “हमने ड्रोन निगरानी, सैटेलाइट इमेजिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और मोबाइल फोन गतिविधियों की ट्रैकिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सुरक्षा बलों को उन्नत खुफिया जानकारी प्रदान की। कॉल लॉग विश्लेषण, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, और उनके परिवारों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए, हमने सुरक्षा बलों को सही स्थानों पर तैनात किया, जिससे हमारे अभियानों में उल्लेखनीय सफलता मिली।”

उन्होंने आगे बताया कि नक्सलियों के संचार और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को बाधित करने के लिए नवीनतम साइबर तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने में सफल होगी।

 

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