Wednesday 18th of June 2025 12:23:42 PM
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अवैध माइका खदान संचालक कारु मोदी को लोकाई थाना पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुलिस गिरफ्त में अवैध माइका खदान संचालक कारू
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गिरिडीह/तिसरी : अवैध रकवा माइका खदान के एक संचालक कारु मोदी को लोकाई नयनपुर थाना पुलिस ने तिसरी के केवटा टांड स्थित आवास से शनिवार मध्य रात्रि को थाना प्रभारी पप्पू कुमार के नेतृत्व में गिरफ्तार कर लिया है। अवैध माइका खदान संचालक को थाना कांड संख्या 405/20/21 में धारा 33, 43, 42, झारखण्ड वन अधिनियम 20 के धारा 4 के तहत दर्ज प्राथमिकी के आलोक में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार कारू मोदी को पुलिस ने रविवार सुबह राजकीय अस्पताल तिसरी में मेडिकल कराने के पश्चात गिरिडीह जेल भेज दिया है।
थाना प्रभारी पप्पू कुमार ने बताया पुलिस कई दिनों से कारु मोदी और उनके चार अन्य संचालक साथी की गिरफ्तारी में लगी थी। लेकिन सभी नये नये स्थान पर फरार चल रहे है। शनिवार मध्य रात्रि में कारू को उसके तिसरी स्थित घर मे होने की मिली गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुये उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। थाना प्रभारी ने बताया कि अन्य चार आरोपी मुन्ना मोदी , पिंटू बर्णवाल , शैलेन्द्र प्रसाद और कामेश्वर भारती की तलाश पुलिस कर रही है जल्द ही सभी गिरफ्तार होंगे।
बता दे कि बीते 2 मार्च को तिसरी प्रखण्ड अन्तर्गत लोकाई नयनपुर थाना क्षेत्र के मनसाडीह सकसकिया ग्राम के अवैध रकवा माइका खदान में दोपहर लगभग 1 बजे 80 मजदूर डोली के माध्यम से लगभग 700 फिट जमीन के भीतर खदान में उतरे। माइका उत्खनन के दौरान चाल धसने से दो मजदूर तिसरो निवासी संजीत राय और रणजीत राणा खदान के मलबे में दब गये थे। जिससे उनकी मौत हो गई। लगातार चार दिनों तक मृतक मजदूरों का शव निकालने हेतु डीसी राहुल कुमार ,एसपी अमित रेणु ,एसडीओ धीरेंद्र कुमार सिंह ,बीडीओ सुनील प्रकाश ,पुलिस इंस्पेक्टर परमेश्वर ल्यांगी थाना प्रभारी पप्पू कुमार ने प्रयास किया लेकिन विफल रहे। बाद में डीसी गिरिडीह के आग्रह पर भारत सरकार ने एनडीआरएफ की टीम शव निकालने पहुंची, लेकिन एनडीआरएफ की टीम भी शव निकालने में असफल रही थी। दो घण्टे तक खदान का मुयायना करने के पश्चात एक सदस्य डोली के माध्यम से खदान में घुसे। लगभग 500 फिट भीतर जाते ही जेनरेटर खराब हो जाने से एनडीआरएफ की टीम के एक साथी खदान के भीतर डोली पर करीब 30 मिनट तक फसे रहे थे। किसी प्रकार जेनरेटर मरम्मत कर डोली को खदान से वापस निकाला गया था। उस वक्त एनडीआरएफ की टीम ने डीसी के समक्ष यह कहते हुये हाथ खड़े कर दिया था कि यह अवैध खदान है जिसका कोई नक्सा नही है। टीम कुछ नही कर सकती। तब डीसी के निर्देश पर खदान को जेसीबी मशीन से डोजरिंग करा दिया गया था ।
गौरतलब है कि मामले में फंसने से बचने की नियत से वन कर्मी घटना स्थल को वन क्षेत्र से बाहर बता दिया। डीसी के निर्देश पर जब अंचल अमीन बिनोद रविदास स्थल का सीमांकन किया तो घटना स्थल वन क्षेत्र में चिन्हित होने के बाद वन विभाग और खनन विभाग ने 5 अवैध माइका खदान संचालक के बिरुद्ध अलग अलग आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराया था।

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