पाकिस्तानी नागरिकता छिपाकर और फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर यूपी के बरेली में 10 साल तक शिक्षिका की नौकरी करने वाली शुमायला खान उर्फ फुरकाना को बर्खास्त कर दिया गया है। फतेहगंज पश्चिमी थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
कैसे हुआ खुलासा:
रामपुर की रहने वाली शुमायला खान ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र का उपयोग कर 6 नवंबर 2015 को माधौपुर के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। शुमायला ने काउंसलिंग के समय रामपुर एसडीएम से जारी निवास प्रमाण पत्र जमा किया था।
हालांकि, 2022 में जब इस मामले का खुलासा हुआ, तो जांच शुरू की गई। 7 अगस्त 2024 को रामपुर एसडीएम की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि शुमायला खान उर्फ फुरकाना पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने 2012 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निवास प्रमाण पत्र बनवाया था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया।
कार्रवाई का विवरण:
- शुमायला खान को निलंबित कर माधौपुर से जनक जागीर प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित किया गया।
- रिपोर्ट की पुष्टि के बाद बरेली बीएसए ने उन्हें बर्खास्त कर दिया और सेवा समाप्ति की कार्रवाई की।
- फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने उनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का मामला दर्ज कराया है।
नियुक्ति और सत्यापन प्रक्रिया में चूक:
शुमायला खान की नियुक्ति के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों का सत्यापन करने में विभाग को 10 साल लग गए। इस दौरान वे बरेली के माधौपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत रहीं।

