उज्ज्वल दुनिया/ दुमका । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बासुकीनाथ मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की व्यवस्था में जिला प्रशासन जुट गया है। बुधवार को उपायुक्त राजेश्वरी बी और एसपी अम्बर लकड़ा ने पंडा समाज के साथ बैठक की। बैठक के बाद जारी बयान में उपायुक्त ने कहा है कि प्रत्येक सोमवार को सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। दर्शन करने से पूर्व श्रद्धालुओं को ऑनलाइन निबंधन कराना होगा, जिसमें उनका नाम, उम्र, पहचानपत्र की आवश्यकता होगी।
बच्चों, बुजुर्गों और बीमार को एंट्री नहीं
डीसी के अनुसार पांच वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के अलावा बीपी, शुगर, डायबिटीज या दिल की बीमारी वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी। हर सोमवार के लिए 300 की संख्या में श्रद्धालु ऑनलाइन निबंधन करा पाएंगे।
सरकार ने मांगा है दर्शन कराने की व्यवस्था का ब्लू प्रिंट
कोरोना के चलते सरकार के निर्देश पर बासुकीनाथ मंदिर 22 मार्च से आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। गोड्डा के भाजपा सांसद ने मंदिर खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर झारखंड सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। सरकार ने श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की पूरी व्यवस्था का ब्ल्यू प्रिंट तैयार कर समिति को सौंपने करने को कहा है।
बैद्यनाथ मंदिर खोलने पर अभी फैसला नहीं
भादो मास में श्रद्धालुओं के लिए देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर खोलने पर अभी फैसला नहीं हुआ है। उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को जिला कार्यकारी समिति की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर पंडा समाज की राय ली गई। इसकी रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजी जाएगी कि किस तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निर्धारित संख्या में श्रद्धालुओं को पूजा की अनुमति दी जा सकती है। राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले दिशा-निर्देश के अनुसार ही बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।