सरना धर्मकोड पर बोले पूर्व आईपीएस और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव – आदिवासी हर धर्म का सम्मान करता है, मगर अपने सरना धर्म का भी मजबूती से पालन करता है, हम हिन्दू नहीं है
आदिवासियों के सरना धर्मकोड की मांग को लेकर पूर्व आईपीएस और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने बड़ा बयान दिया है. रामेश्वर उरांव ने कहा है की आदिवासी हर धर्म का सम्मान करते है, मगर अपने सरना धर्म का पूरी मजबूती से पालन करना जानते है. आदिवासी हिन्दू नहीं है, हमारा एक ही धर्म है सरना धर्म. श्री उरांव ने कहा की भगवान राम जब वनवास गए थे तब भी आदिवासियों ने उनका साथ दिया था, उनकी सेवा की थी, मगर अपने वनवास काल में एक बार भी भगवान राम ने आदिवासियों को हिन्दू नहीं कहा.
इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में आदिवासी समाज की ओर से आमंत्रित धनेश्वर मुंडा ने भी स्पष्ट किया था की वो मंदिर कार्यक्रम में आमंत्रित किये गए है इसलिए अयोध्या जा रहे है. धनेश्वर ने कहा था की आदिवासी हिन्दू नहीं है, ना मै हिन्दू हू. मै सरना आदिवासी हूँ और मुंडा जनजाति से आता हूँ. सरना धर्मकोड को लेकर आदिवासी संगठनो ने आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया है. आदिवासी संगठनो ने रांची में बैठक कर आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है. आदिवासी समाज का मानना है की आदिवासी परंपरा और धर्म को खत्म करने की साजिश की जा रही है, इसलिए सरना धर्मकोड का आना बहुत जरूरी हो गया है.