उज्ज्वल दुनिया \नई दिल्ली । कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि उनकी मंशा केवल पार्टी को मजबूत बनाने की थी। बता दें कि बीते सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह पत्र विवाद की बड़ी वजह बना था।
क्या जो सुझाव देंगे वे गद्दार माने जाएंगे ?
आजाद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमारी मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी। मैं पिछले 34 साल से कार्य समिति में हूं। जिनको कुछ भी नहीं मालूम और अप्वाइंटमेंट वाला कार्ड मिल गया है वो सब विरोध करते हैं, वो सब बाहर जाएंगे। मैंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति में लोगों को सेलेक्ट करने की बजाय चुनाव कराया जाए । क्या ये इतना बड़ा गुनाह है ?
कांग्रेस से प्यार होता तो हमारा समर्थन करते, लेकिन यहां तो अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है
उन्होंने कहा, कोई भी कांग्रेसी जिसको कांग्रेस में जरा सी भी रुचि होती वो तो हमारे प्रस्तावों का स्वागत करता। लेकिन कुछ लोग हमारे प्रस्ताव का विरोध करते दिखे। हमने कहा था कि प्रदेश, जिला, ब्लॉक आदि के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव होना चाहिए। कांग्रेस कार्य समिति में भी ऐसा ही होना चाहिए।
सीडब्ल्यसी बैठक के दौरान रनिंग कंमेट्री करने वाले अनुशासनहीन नहीं हैं क्या?
आजाद ने कहा कि जो लोग सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान रनिंग कमेंट्री कर रहे थे क्या वो लोग अनुशासनहीनता नहीं कर रहे थे? वो लोग जो हमें गालियां दे रहे थे (पत्र लिखने को लेकर), क्या वो अनुशासनहीनता नहीं कर रहे थे?’ क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? हमने किसी को गाली नहीं दी।