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सोशल मीडिया, ओटीटी और website के लिए सरकार की गइडलाइंस

प्रेस को जानकारी देते IT Minister रविशंकर प्रसाद

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया (Social Media) , ओवर द टॉप (OTT) और वेबसाइट्स (Websites) के लिए सरकार की नई गाइडलाइंस के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि इसके दायरे में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और नेटफ्लिकस, अमेजन प्राइम, हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आएंगे।

सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस

  • सोशल मीडिया को भी बाकी मीडिया की तरह ही नियमों का पालन करना होगा
  • पोस्ट हटाने पर यूजर को सूचना देनी होगी, यूजर को बताना होगा कि उसकी पोस्ट क्यों हटाई गई
  • सोशल मीडिया को इस बात का प्रबंध करना होगा कि यूजर्स के अकाउंट का वेरिफिकेशन कैसे किया जाए
  • हर महीने में शिकायत, कार्रवाई पर रिपोर्ट देनी होगी। सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी होगी
  • 24 घंटे के अंदर आपत्तिजनक पोस्ट को हटाना होगा
  • चीफ कंप्लेन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी
  • आपत्तिजनक कंटेंट को सबसे पहले किसने पोस्ट या शेयर किया इसकी जानकारी सरकार या न्यायालय को देनी होगी
  • सोशल मीडिया कंपनी को इस बात का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा कि उनके पास प्रतिमाह कितनी – – शिकायतें आईं और कितनों का निवारण किया गया
  • सोशल मीडिया के लिए तीन स्तरीय कैटेगरी बनेंगी। U, UA7, UA13 कैटेगरी होंगी।

सोशल मीडिया पर लगाम क्यों है जरुरी

  • महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट होने की शिकायत मिलने पर 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
    – सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की भरमार है। सरकार को इनकी काफी शिकायतें मिली हैं। सोशल मीडिया का उपयोग नफरत फैलाने के लिए भी किया जा रहा है।
  • सोशल मीडिया में दिखाई जा रही चीजें अभद्र।
    – सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर भी शिकायत का भी फोरम मिलना चाहिए।
  • हम सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के खिलाफ हैं।
  • सोशल मीडिया का इस्तेमाल आतंकी भी कर रहे हैं।

OTT Platforms के लिए गाइडलाइंस

  • OTT पर कंटेंट उम्र के लिहाज से दिखाया जाए
  • OTT प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता या न्यूडिटी (Nudity) की शिकायत आने पर 24 घंटे के अंदर कंटेंट हटाना होगा
  • फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड है, वैसा ही OTT के लिए भी सेल्फ रेगुलेशन (Self Regulation) की व्यवस्था
  • दिखाया जाने वाला कंटेंट उम्र के हिसाब से हो
  • रजिस्ट्रेशन की बाध्यता नहीं है, लेकिन जानकारी जरूर देनी होगी
  • पैरेंटल लॉक यानी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे अभिभावक अपने बच्चे के लिए ऐसे कंटेंट को ब्लॉक कर सकें

वेबसाइट्स के लिए गाइडलाइंस

www.ujjwalduniya.com

  • वेबसाइट का रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी
  • वेबसाइट पर कंपनी या उसे चलाने वाले की पारी जानकारी जरुरी
  • प्रेस काउंसिल की तरह खुद ही सेल्फ रेगुलेशन बनाए वेबसाइट्स और डिजीटल मीडिया
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