उज्ज्वल दुनिया/ रांची । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड के पांच कोयला ब्लॉक सहित 37 कोयला ब्लॉकों की नौ नवंबर को होने वाली ई-नीलामी उसके आदेशों पर आधारित होगी। अदालत ने केंद्र से कहा है कि वह कोयला ब्लॉकों के लिए बोली लगाने वाले सभी पक्षों को सूचित कर दे कि इससे जुड़े तमाम लाभ उसके अंतिम आदेश पर आधारित होंगे।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायाधीश एएस बोपन्ना और न्यायाधीश वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने केंद्र को ये निर्देश दिए। वहीं, केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।
इससे पहले, चार नवंबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह ऐसा आदेश पारित करना चाहती है कि झारखंड में वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ईको-सेंसिटिव जोन के 50 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रस्तावित खनन ब्लॉक की ई-नीलामी न की जाए।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह केवल यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जंगल नष्ट न हों। हालांकि, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह झारखंड में प्रस्तावित खनन स्थलों पास के क्षेत्र इको सेंसिटिव जोन हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए अदालत एक विशेषज्ञ समिति गठित करने के बारे में विचार कर रही है।