उज्ज्वल दुनिया/रांची । झारखंड के स्थानीय युवा सहायक पुलिसकर्मी अलग-अलग जिलों से चलकर रांची पहुंचे हैं । अनुबंध पर कार्यरत अब इनकी सेवा समाप्त हो रही है। ये लोग अनुबंध बढ़ाने और नियमित करने की मांग कर रहे हैं । पूर्ववर्ती भाजपा की रघुवर दास सरकार ने इनके साथ मात्र बिना किसी सुविधा लाभ के सिर्फ ₹10000 मानदेय तय किया गया था।
गोद में बच्ची को लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चली
लोहरदगा से 7 महीने की बच्ची के साथ आईं मनीता देवी ने कहा कि वे 3 साल से नौकरी कर रहीं हैं। एक साल की ट्रेनिंग की। इस दौरान बीच-बीच में नौकरी भी की। उनकी 3 बेटियां हैं। 2012 में शादी के बाद से अब तक पति मजदूरी कर रहे हैं, लेकिन कोरोना में उन्हें भी कहीं काम नहीं मिल रहा है। 4 साल और 6 साल की दो बेटियों को तो पति के पास छोड़ दिया है, लेकिन 7 महीने की बेटी को नहीं छोड़ सकती थी।
हजारीबाग की सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने राजधानी में की आवाज बुलंद
हजारीबाग जिले से सैकड़ों सहायक पुलिसकर्मी स्थायीकरण की मांग को लेकर शनिवार को सैकड़ों की संख्या में पदयात्रा कर रांची के मोराबादी मैदान में पहुंचे। जहां अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। बता दें कि झारखंड राज्य के 22 जिलों के अनुबंधित सहायक पुलिसकर्मी अपनी मांगों की लेकर मोरहाबादी मैदान में धरना-प्रदर्शन पर उतर आए हैं। सीधी नियुक्ति की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से पदयात्रा करते हुए राजधानी रांची पहुंच गये है।
सिपाही पद पर सीधी नियुक्ति का था वादा
2017 में अनुबंध पर नियुक्ति के वक्त उन्हें यह भरोसा दिलाया गया था कि अच्छे से काम करने पर उनकी सिपाही पद पर सीधी नियुक्ति कर दी जाएगी। अब तीन वर्षों का अनुबंध खत्म हो जाने के कारण उनके समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। तमाम सहायक पुलिस कर्मियों ने सरकार से यह मांग की है कि उन्हें सीधे नियुक्ति दे दी जाए।
कुछ महिला पुलिसकर्मियो की हालत नाजुक
वहीं आंदोलन में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पदयात्रा करते हुए आने पर उन सबकी स्थिति बहुत ही नाजुक हो गई है। कुछ के पैरों में छाले पड़ गए हैं, तो कोई बुखार से ग्रसित है। इन पुलिसकर्मियों का कहना है कि जहां इस राज्य में नक्सलियों को मिलता है घर, इधर बर्दी बारे हो रहे हैं बेघर। अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए मोराबादी मैदान में अपनी डेरा डाल दिए हैं।