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सदर विधायक कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते बाबूलाल मरांडी

उज्ज्वल दुनिया संवाददाता/ संदीप सिन्हा



हजारीबाग। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को शहर स्थित सदर विधायक कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उनके साथ सांसद जयंत सिन्हा, सदर विधायक मनीष जायसवाल, बरही के पूर्व विधायक मनोज यादव, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय, जिलाध्यक्ष अशोक यादव, निगम की महापौर रौशनी तिर्की, उपमहापौर राजकुमार लाल शामिल थे।

बाबूलाल मरांडी सूबे की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए झारखंड की महागठबंधन सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सूबे की कानून व्यवस्था की वर्त्तमान स्थिति 20 वर्ष पूर्व वाली स्थिति नजर आ रही है। तमाम संसाधनों के होते हुए भी हेमंत सरकार में जनता के लिए कुछ करने की नीयत ही नही दिखती। इस दौरान उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द कानून व्यवस्था को सरकार पटरी पर लाए। अन्यथा भाजपा सड़क पर उतरने के लिए विवश होगी।

एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार से इतर भी कोई है जो सरकार को चला रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पूर्व कुछ डीएसपी का तबादला किया गया था। जिसे अगले ही दिन निरस्त कर दिया गया। इसका मतलब यही है कि सरकार के निर्णय से इतर भी कोई बाहरी शक्ति है। जिसके हाथ मे चाबी है।

केन्दीय स्कीमों को लेकर घेरा:

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को हेमंत सरकार राजनीतिक दुष्प्रभावों से ग्रसित होकर चला नही रही है। वहीं इस सरकार ने वैसी योजनाओं को अनावश्यक रूप से बंद भी कर दिया।

राज्य में है भय का माहौल:

बाबूलाल ने कहा कि जब से यह सरकार आई है। कानून व्यवस्था के लचर हो जाने से राज्य में भय का माहौल व्याप्त है। सरकार और आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिन उग्रवादियों पर इनाम घोषित थे। साथ ही ऐसे उग्रवादी राज्य से फरार चल रहे थे। अब वे पुनः राज्य में लौटकर सक्रिय हो गए हैं। चोरी, डकैती, हत्या व बलात्कार की घटनाएं रोज देखने सुनने को मिल रही है। व्यावसायियों को आए दिन धमकियां दी जा रही है। उससे यह पता चलता है कि सूबे की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। वह भी तब जबकि सरकार के पास तमाम संसाधन उपलब्ध है। पर्याप्त सुरक्षा बलों के होने के बावजूद सरकार पंगु बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ही गृह विभाग भी है। इसके बावजूद स्थिति इतनी खराब है।

सूबे में भ्रष्टाचार चरम पर:

भ्रष्टाचार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि थाना, अंचल व ब्लॉक सभी जगहों पर इन दिनों भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। अधिकारियों व कर्मचारियों के गठजोड़ से जबरन पैसों की उगाही हो रही है। दूसरी ओर सरकार मौन है।

महिलाओं पर बढ़े हैं अत्याचार:

महिला सुरक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्षों में लगभग 1700 महिलाएं अत्याचार की शिकार हुईं हैं। इनमें 700 से अधिक दलित महिलाएं शामिल हैं। ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि उन्होंने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता क्यों नही दी?

सूबे की सरकार अयोग्य व अक्षम सरकार है: जयंत सिन्हा

प्रेस वार्त्ता के दौरान जिले के सांसद जयंत सिन्हा ने सूबे की आर्थिक व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि यह सरकार खजाना खाली होने की बात करती है। जबकि यह निराधार है। रघुवर दास की सरकार ने भरा हुआ खजाना इन्हें सौंपा था। कोरोना महामारी के कारण इस बार जीएसटी का संग्रहण काम हुआ। जनता की बेहतरी के लिए व उद्योग-धंधों को ठीक करने की नीयत महागठबंधन की सरकार में नही है। इस सरकार ने आरबीआई से जीएसटी ऋण भी अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे अंत मे ली। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हजारीबाग व रामगढ़ जिले के लिए 180 सड़कों के निर्माण की अनुशंसा केंद्र सरकार ने की। बावजूद इसके राज्य सरकार ने इसे अब तक गंभीरता से नही ली। हजारीबाग, पलामू व दुमका में तीन नए मेडिकल कॉलेज खोले गए। लेकिन अब तक उनमें विद्यार्थियों के नामांकन के लिए इस सरकार ने गंभीरता नही दिखाई। जयंत सिन्हा ने कहा कि खर्चों को दिखाने में भी यह सरकार पीछे है। केंद्रीय सरकार द्वारा दी गई राशि का मात्र 20 फीसदी ही खर्चा इस सरकार ने किया है। यह आंकड़े भी पिछले वर्ष के सितंबर माह तक के हैं।


बिजली की समस्या पर बात करते हुए जयंत सिन्हा ने कहा कि रघुवर दास की सरकार ने डीवीसी को समय-समय पर राशि भुगतान की थी। केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर ही कुछ समस्याओं के निराकरण संभव है। उन्होंने महागठबंधन की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार की वित्तीय क्षमता अत्यधिक कमजोर है।

ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नही तो होगा आंदोलन: मनीष

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर बोलते हुए सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि यदि इसमें जल्द सुधार नही की गई तो आंदोलन होगा।

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