- हम रघुवर दास की तरह राज्य का बंटवारा 13-11 जिलों में नहीं करेंगे
- रघुवर दास ने 11 जिलों में बिहार-छत्तीसगढ़ और यूपी के लोगों को भर दिया
- पांच साल में एक भी जेपीएससी नहीं करवा सके रघुवर, हम हर साल दो जेपीएससी की तैयारी में
- हर बार अन्ना को बैठाकर पन्ना नहीं पहन सकेगी भाजपा
- मुख्यमंत्री को ई-मेल पर धमकी से चिंतित
- मोमेंटम की जांच के लिए स्वीकृति दे दी है, जांच एजेंसियों का काम है कि जल्द रिपोर्ट सौंपे
रांची । झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रघुवर दास की नियोजन नीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब रघुवर दास को झारखंड के स्थानीय लोगों की इतनी ही चिंता थी तो उन्होंने स्थानीय नीति बनाकर सभी रिक्त पदों को क्यों नहीं भरा । सुप्रियो भट्टाचार्य ने रघुवर दास को महामानव बताते हुए कहा कि उन्होंने किस विजडम के सहारे राज्य का बंटवारा 13 और 11 जिलों के बीच किया था ?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रघुवर राज में 11 जिलों में पड़ोसी राज्यों ( उत्तर प्रदेश व बिहार) से आकर लोग राज्य में नौकरी पा लिये, लेकिन स्थानीयों को नौकरी नहीं मिल सकी. चाहे वह पुलिस की बहाली हो व शिक्षकों की.
रघुवर सरकार का झारखंडी छात्र-छात्राओं के प्रति रवैया क्या था, यह सभी जानते हैं. 2017 में उनकी सरकार ने अनुबंध पर नियुक्ति प्रकिया शुरू की थी. सरकार ने यह भी लिख दिया था कि उनकी नियुक्ति तीन साल तक ही रहेगी.
यह बात तो रघुवर दास को बतानी चाहिए कि उन्होंने इस तरह की खिलवाड़ क्यों किया. जब उनके पास रिक्तियां थीं, तो नियोजन नीति बना कर सरकारी सेवाओं में इन बेरोजगारों को नियुक्त क्यों नहीं कर दिया.