
आदिवासी सफा होड़ महाकुंभ झारखंड तथा संथाल संस्कृति को दर्शाने का अनूठा अवसर है- डीसी रामनिवास यादव
राजमहल की पहाड़ी श्रृंखलाओं के तट से गुजरने वाली गंगा नदी के राजमहल घाट समेत अन्य घाटो पर शनिवार माघी पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ डुबकी लगा भगवान भास्कर की पूजा अर्चना किया। विगत वर्ष से अलग हटकर वैश्विक महामारी के बीच गाइंडलाइस का अनुपालन करते हुए माघी पूर्णिमा स्नान 2021 का आयोजन जिला में 25 फरवरी से लेकर पाँच मार्च तक किया जा रहा है।
माघी पूर्णिमा पर विधायक राजमहल, उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक समेत सभी पदाधिकारीगण ने गंगा में पूजा अर्चना भी की। उपायुक्त राम निवास यादव ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजकीय माघी पूर्णिमा मेला आदिवासी सफा होड़ महाकुंभ झारखंड तथा संथाल संस्कृति को दर्शाने का अनूठा अवसर है।
हर वर्ष लगने वाले इस पूर्णिमा मेले में झारखंड समेत बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा एवं पड़ोसी देश नेपाल से सफाहोड़ आदिवासियों के आवागमन की बात कही। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को माघी पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने भी जिले और राज्य की जनता को माघी पूर्णिमा की शुभकामनाएँ दी है।
मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी राजमहल हरिवंश पंडित ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु पुख्ता व्यवस्था की गई है साथ ही स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने के लिए एक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाने की जानकारी दी। उन्होने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु शौचालय के साथ जगह जगह प्याऊ पीने की पानी की व्यवस्था की बात कही।