Tuesday 17th of June 2025 11:58:48 AM
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रामगढ़ में पुतले का दाह संस्कार क्यों कर रहे हैं लोग ?

पुतले को दाह संस्कार के लिए ले जाते लोग

गोला। उतराखंड जिला चमोली के तपोवन में 7 फरवरी को ग्लेशियर के फटने से आई आपदा में गोला प्रखंड क्षेत्र के चोकाद गांव के तीन व सरलाखुर्द के एक मजदूर लापता हो गए थे। इन मजदूरों का लापता हुए 20 दिन बीत जाने के बाद भी पता नहीं चल पाया। इस स्थिति में 21वें दिन चोकाद के दो मजदूरों का अंतिम संस्कार रविवार को कर दिया गया।

श्रमाधिक्षक दिगंबर महतो के आदेश पर दो दिन पूर्व मिथीलेश महतो व बिरसाय महतो के परिजनों व सगे संबंधियों द्वारा अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया। इसकी सूचना रामगढ़ विधायक ममता देवी व गोला बीडीओ अजय कुमार रजक को भी परिजनों द्वारा दी गई। तत्पश्चात रविवार को दोनों मजदूरों का पुतला बनाकर हिंदू रिती रिवाज से विधिवत सारे रस्मों को निभाते हुए अंतिम संस्कार गोमती नदी स्थित स्थानीय मुक्तिधाम में कर दिया गया।

मिथीलेश महतो को मुखाग्नि उनके पिता राजाराम महतो व बिरसाय महतो को उनका कोई संतान नहीं होने की स्थिति में मुखाग्नि उसके बड़े भाई का पुत्र उमेश महतो ने दी। सरलाखुर्द निवासी मजदूर मदन महतो का अंतिम संस्कार पिछले शनिवार को ही कर दिया गया। शवयात्रा में सांसद प्रतिनिधि कुंटू बाबू उर्फ रणंजय कुमार, समाजसेवी नवकुमार महतो, धनंजय महतो, खगेस महतो, अंदूराम महतो, मिथीलेश महतो, बालेश्वर महतो, सोनाराम महतो, नरेश महतो, विक्रांत महतो, विनीत महतो, सुनील रजक, दिलेश्वर महतो सहित सैकड़ो लोग शामिल हुए।

कुलदीप का नहीं हुआ अंतिम संस्कार

ऊक्त के लापता तीन मजदूरों में से एक मजदूर कुलदीप महतो का अंतिम नहीं हो सका। बताया गया कि मजदूर कुलदीप का मामा ससुर उसके मिलने के आस में अभी भी चमोली में ही आंखें बिछाये हुए हैं। कुलदीप का अंतिम संस्कार उनके मामा ससुर के चोकाद लौटने के बाद किया जायेगा
गांव में मातम

दोनों अर्थियों को एक साथ देख सारे गांव में मातम छाया रहा। गांव के बच्चे, बुढ़े, महिला, पुरुष के आखों में आंसू छलक रहे थे। सभी अर्थियों को नम आंखों से देख रहे थे।

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