26 जनवरी के दिन ट्वीट कर गलत जानकारी देना और लोगों को हिंसा के लिए उकसाना मशहूर न्यूज़ एंकर राजदीप सरदेसाई को भारी पड़ा । पहले तो टीवी टुडे ग्रुप ने उन्हें दो हफ्ते के लिए ऑफ एयर कर दिया और अब नोएडा में उनके खिलाफ दंगा भड़काने, दो समुदायों में वैमनस्यता फैलाने और भीड़ को पुलिस के खिलाफ़ उकसाने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराया गया है ।
पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई समित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। नोएडा के सेक्टर 20 थाने में इन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अभिजीत मिश्रा नाम के एक शख्स की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि इन नामजद लोगों ने 26 जनवरी को गलत पोस्ट किए गए और दंगा भड़काने की साजिश की गई।
पुलिस को दी शिकायत में अर्पित मिश्रा ने बताया कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में रहते हैं। उनका आरोप है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात हैं।
शिकायतकर्ता ने कहा है, ”26 जनवरी 2021 को जानबूझकर कराए गए गए दंगों से अत्यंद दुखी हूं। इन व्यक्तियों ने पूर्वाग्रह की वजह से ऐसा काम किया जिससे देश की सुरक्षा और जनता का जीवन खतरे में पड़ गया। एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए।”
शिकायतकर्ता ने कहा है कि इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने वाले और उकसाने वाली ऐसी खबरें प्रसारित कीं और अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई। सुनियोजित साजिश के तहत गलत जानकारी प्रसारित की गई कि आंदोलनकारी को पुलिस ने गोली मार दी। यह जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।
अर्पित ने इन सभी पर उपद्रव फैलाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार 7 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर सात नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 153a, 153b, 295a, 298,504,506, 505, 124a, 34, 120b और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।