
कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोगों की आजीविका चली गई, लेकिन इसी दौरान मुकेश अंबानी की कमाई में 35% का इजाफा हो गया । गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम (Oxfam) ने ये रिपोर्ट जारी की है । ऑक्सफैम की रिपोर्ट ने कोरोना को ‘इनइक्वालिटी वायरस’ (inequality virus) बताया है ।
अंबानी की एक सेकंड की कमाई मजदूर के तीन साल की कमाई के बराबर
रिपोर्ट में आय की असमानता का जिक्र करते हुए बताया गया कि महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे । या मुकेश अंबानी ने जितनी आय एक सेकेंड में हासिल की, उसे पाने में एक अकुशल मजदूर को तीन साल लगेंगे। रिपोर्ट कहती है कि मुकेश अंबानी की संपत्ति का बंटवारा यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं।

1930 की आर्थिक मंदी जैसे हैं दुनिया के हालात- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी पिछले सौ वर्षों का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट है और इसके चलते 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट पैदा हुआ। ऑक्सफैम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने बताया कि शुरुआत में सोच थी कि महामारी सभी को समान रूप से प्रभावित करेगी, लेकिन लॉक़डाउन होने पर समाज में विषमताएं खुलकर सामने आ गईं।
अप्रैल में प्रति घंटे 1.7 लाख लोग बेरोजगार हो रहे थे- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, शिव नादर, सायरस पूनावाला, उदय कोटक, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, राधाकृष्ण दमानी, कुमार मंगलम बिरला और लक्ष्मी मित्तल जैसे अरबपतियों की संपत्ति मार्च 2020 के बाद महामारी और लॉकडाउन के दौरान प्रति घंटे 1.5 करोड़ की रफ्तार से बढ़ रही थी। दूसरी ओर अप्रैल 2020 में प्रति घंटे 1.7 लाख लोग बेरोजगार हो रहे थे।